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फार्मा कंपनियों को मिल सकती है GST में राहत, जीएसटी काउंसिल लेगी फैसला

अभी जीएसटी के नियमों के तहत फ्री में दिए जाने वाले आइटम्स पर ITC की इजाजत नहीं है। हालांकि, इस मामले में कुछ अपवाद है। दवा कंपनियां लंबे समय से फ्री सैंपल्स पर आईटीसी की मांग कर रही हैं। उनका मानना है कि अगर फ्री-सैपल्स पर उन्हें ITC की इजाजत मिल जाती है तो इससे उन्हें काफी राहत मिलेगी

अपडेटेड Jul 09, 2025 पर 11:20 AM
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अभी जीएसटी के नियमों के तहत फ्री में दिए जाने वाले आइटम्स पर ITC की इजाजत नहीं है।

फार्मा कंपनियों को जल्द बड़ी खुशखबरी मिल सकती है। जीएसटी काउंसिल फार्मा कंपनियों को जीएसटी में राहत दे सकती है। दरअसल, फार्मा कंपनियां डॉक्टर्स और हॉस्पिटल्स को दवाओं के सैंपल्स देती हैं। यह फ्री होता है। इसका पूरा खर्च दवा कंपनियों को अपनी जेब से उठाना पड़ता है। दवा कंपनियों की मांग है कि उन्हें इस फ्री सैंपल्स पर इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का फायदा मिलना चाहिए। जीएसटी काउंसिल अपनी अगली बैठक में इस मसले पर फैसला ले सकती है।

जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक में फैसले की उम्मीद

सूत्रों ने बताया है कि जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक में इस मसले पर चर्चा हो सकती है। इसके बाद प्रमोशनल या फ्री-ड्रग सैंपल्स पर Input Tax Credit (ITC) के बारे में जीएसटी काउंसिल की तरफ से स्पष्टीकरण पेश किया जा सकता है। अभी जीएसटी के नियमों के तहत फ्री में दिए जाने वाले आइटम्स पर ITC की इजाजत नहीं है। हालांकि, इस मामले में कुछ अपवाद है। दवा कंपनियां लंबे समय से फ्री सैंपल्स पर आईटीसी की मांग कर रही हैं।


डॉक्टर्स को फ्री-सैंपल्स देने के पीछे बड़ा मकसद

दवा कंपनियों की दलील है कि डॉक्टर्स को फ्री में दवाएं देने के पीछे एक बड़ा मकसद है। दवा कंपनियां सिर्फ डॉक्टर्स और हॉस्पिटल्स को फ्री में दवाएं देती हैं। ग्राहकों या मरीजों के इन्हें फ्री में नहीं दिया जाता है। फार्मा रेगुलेशन में भी कंपनियों के लिए डॉक्टर्स को फ्री-सैंपल्स उपलब्ध कराना जरूरी है। दरअसल डॉक्टर्स रोगियों को दवाएं लिखने से पहले उनकी क्षमता और असर की जांच करना चाहते हैं। दवा कंपनियों की दलील है कि इस वजह से फ्री सैंपल्स मार्केटिंग और R&D का अभिन्न हिस्सा है। फ्री सैंपल्स देने का मतलब दवाओं का प्रचार नहीं है।

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आईटीसी की इजाजत से मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट घटेगी

फार्मा इंडस्ट्री से जुड़े एक एग्जिक्यूटिव ने बताया कि सरकार को डॉक्टर्स को दिए जाने वाले फ्री-सैंपल्स और ग्राहकों को फ्री में बाटें जाने वाले प्रोडक्ट्स के बीच फर्क करना होगा। फार्मा कंपनियों का यह भी कहना है कि उनकी कुल मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट में फ्री सैंपल्स की हिस्सेदारी 2 फीसदी तक है। आईटीसी की इजाजत नहीं होने से दवा कंपनियों को फ्री-सैंपल्स बनाने में इस्तेमाल होने वाले इनपुट्स पर टैक्स का बोझ अपनी जेब से उठाना पड़ता है। इससे उनकी कुल मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट बढ़ जाती है। अगर उन्हें ITC की इजाजत मिल जाती है तो इससे उनका बोझ कुछ हद तक कम हो जाएगा।

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