India UK Trade Deal: भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर 24 जुलाई को पीएम नरेंद्र मोदी की यात्रा के दौरान हस्ताक्षर हो गया। यह डील 6 मई को तय हुई थी और इसे अंतिम रूप देने में लगभग तीन महीने लगे। इसमें कानूनी जांच और ऑटोमोबाइल पर टैरिफ छूट से जुड़े मसलों को तय किया गया।
पीएम मोदी ने समझौते पर क्या कहा
प्रधानमंत्री मोदी ने फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर साइन करने के बाद कहा कि भारत और ब्रिटेन के संबंध आज ऐतिहासिक स्तर पर पहुंच चुके हैं। कई साल की मेहनत के बाद दोनों देशों ने एक व्यापक आर्थिक व्यापार साझेदारी (Comprehensive Economic Trade Partnership) को अंतिम रूप दिया है।
उन्होंने कहा, 'भारत के वस्त्र, जूते, समुद्री खाद्य पदार्थ, इंजीनियरिंग सामान, रत्न और आभूषणों का निर्यात अब ब्रिटेन के बाजार में और बेहतर पहुंच पाएगा। भारत के कृषि और खाद्य प्रसंस्करण उत्पादों के लिए भी नए अवसर खुलेंगे। यह FTA खासतौर पर भारत के युवाओं और किसानों के लिए लाभकारी होगा। वहीं, ब्रिटेन के मेडिकल डिवाइस और एयरोस्पेस पार्ट्स जैसे उत्पाद अब भारत में सस्ते दामों पर उपलब्ध हो सकेंगे।'
पीएम मोदी के साथ ब्रिटेन दौरे पर गए वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि यह समझौता किसानों के लिए बड़ी जीत है, क्योंकि इससे लगभग 95% कृषि उत्पादों का निर्यात शून्य शुल्क (ड्यूटी-फ्री) पर किया जा सकेगा। वहीं, मछुआरों को भी 99% समुद्री उत्पादों पर शून्य शुल्क का लाभ मिलेगा, जिससे उनकी आय बढ़ेगी।
ब्रिटिश PM ने बताया सबसे बड़ा करार
इस समझौते से भारतीय निर्यातकों को बड़ा फायदा मिलेगा, क्योंकि करीब 99% टैरिफ लाइनों पर ड्यूटी खत्म कर दी जाएगी। यह लगभग पूरे व्यापार मूल्य को कवर करती हैं। इससे खासकर से श्रम-प्रधान क्षेत्रों जैसे कि टेक्सटाइल्स, समुद्री उत्पाद, चमड़ा, जूते-चप्पल, खेल का सामान, खिलौने, रत्न और आभूषण के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा।
वहीं, भारत बदले में ब्रिटिश सामानों पर औसत टैरिफ 15% से घटाकर 3% करेगा। इससे ब्रिटेन के सॉफ्ट ड्रिंक्स, कॉस्मेटिक्स, कार और मेडिकल डिवाइसेज को भारतीय बाजार में बेचना आसान होगा। ब्रिटेन की व्हिस्की पर भारत शुल्क को मौजूदा 150% से घटाकर 75% करेगा, और अगले 10 सालों में इसे और घटाकर 40% कर दिया जाएगा।
ब्रिटेन का 60% बढ़ेगा निर्यात
इस फ्री ट्रेड एग्रीमेंट से लंबी अवधि में ब्रिटेन का भारत को निर्यात लगभग 60% तक बढ़ेगा। द्विपक्षीय व्यापार में लगभग 39% की बढ़ोतरी होगी। इसका अनुमानित वार्षिक मूल्य £25.5 अरब होगा। इसके साथ ही ब्रिटेन की फाइनेंशियल और प्रोफेशनल बिजनेस सर्विस कंपनियों को भारत के तेजी से बढ़ते बाजार में विस्तार करने की पक्की अनुमति मिलेगी।