भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने NBFC कंपनी IIFL फाइनेंस पर बड़ा एक्शन लिया है। RBI ने आज 4 मार्च को IIFL फाइनेंस को तत्काल प्रभाव से गोल्ड लोन की मंजूरी या वितरण बंद करने को कहा है। RBI ने कंपनी के गोल्ड लोन पोर्टफोलियो में कुछ सुपरवाइजरी चिंताओं के चलते यह निर्णय लिया है। आरबीआई ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि उसने यह कार्रवाई रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया एक्ट 1934 की धारा 45एल(1)(बी) के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए की है। हालांकि, RBI ने स्पष्ट किया है कि कंपनी अपने मौजूदा गोल्ड लोन पोर्टफोलियो को अपने सामान्य कलेक्शन और रिकवरी प्रोसेस के माध्यम से सर्विस देना जारी रख सकती है।
RBI ने बताई इस एक्शन की वजह
इसके तहत IIFL फाइनेंस लिमिटेड को तत्काल प्रभाव से गोल्ड लोन मंजूर करने या वितरण करने या अपने किसी भी गोल्ड लोन को आवंटित/सिक्योरिटाइजिंग करने/बेचने का काम बंद करने का निर्देश दिया गया है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि आरबीआई द्वारा 31 मार्च 2023 तक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में कंपनी का निरीक्षण किया गया, जिसमें पता चला कि कंपनी के गोल्ड लोन पोर्टफोलियो में कुछ मटेरियल सुपरवाइजरी चिंताएं देखी गई थीं।
इनमें लोन की मंजूरी के समय और डिफॉल्ट पर ऑक्शन के समय सोने की शुद्धता और शुद्ध वजन की जांच और प्रमाणित करने में गंभीर गड़ीबड़ी पाई गई है। RBI ने कहा कि लोन टू वैल्यू रेश्यो (LTV) में उल्लंघन जैसी गड़बड़ियां देखने को मिली है। इसके अलावा, आरबीआई की जांच में स्टैंडर्ड ऑक्शन प्रोसेस का पालन न करने और कस्टमर अकाउंट्स पर लगाए जाने वाले शुल्क आदि में पारदर्शिता की कमी का पता चला है। RBI का कहना है कि रेगुलेटरी वॉइलेशन के साथ ही ग्राहकों के हितों को भी प्रभावित करती हैं।
'मैनेजमेंट ने सुधार के लिए नहीं उठाया कोई खास कदम'
आरबीआई का कहना है कि मैनेजमेंट की ओर से इसमें सुधार के लिए कोई सार्थक कार्रवाई नहीं की गई। केंद्रीय बैंक के अनुसार पिछले कुछ महीनों से आरबीआई इन कमियों पर कंपनी के सीनियर मैनेजमेंट और वैधानिक ऑडिटर्स के साथ बातचीत कर रहा है। आरबीआई ने कहा, "हालांकि अब तक इसमें सुधार के लिए कोई सार्थक कदम नहीं उठाया गया। इससे ग्राहकों के हितों को ध्यान में रखते हुए तत्काल प्रभाव से व्यापार प्रतिबंध लगाना जरूरी हो गया है।"