RBI MPC Meet: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने गुरुवार 1 अक्टूबर को लगातार दूसरी बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया। आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) ने बुधवार को रेपो रेट को 5.50% पर बरकरार रखने का फैसला किया। RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी ने यह फैसला सर्वसम्मति से लिया है। MPC की बैठक के बाद आयोजित एक प्रेंस कॉन्फ्रेंस में RBI गवर्नर ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए महंगाई दर और जीडीपी ग्रोथ के अनुमानों की जानकारी दी। साथ ही उन्होंने ट्रंप टैरिफ के संभावित असर की भी बात की। आइए RBI की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक में हुए 5 बड़े ऐलानों को जानते हैं-
1. रेपो रेट 5.50% पर बरकरार
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रेपो रेट में एक बार फिर कोई बदलाव नहीं किया है। आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) ने बुधवार को रेपो रेट को 5.50% पर स्थिर रखने का फैसला किया। यह फैसला पूरी तरह से बाजार और अर्थशास्त्रियों की उम्मीदों के मुताबिक रहा। आरबीआई ने रेपो रेट में आखिरी बार जून 2025 में 0.50% (50 बेसिस प्वाइंट) की कटौती की थी।
RBI ने मॉनिटरी पॉलिसी के रुख को ‘तटस्थ’ (neutral) बनाए रखा है, जिससे यह संकेत मिलता है कि आगे चलकर न तो अचानक दरों में बढ़ोतरी की संभावना है और न ही कटौती की।
3. रिटेल महंगाई दर के घटकर 2.6% रहने का अनुमान
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वित्त वर्ष 2025–26 के लिए खुदरा महंगाई दर के अनुमान घटा दिया है। अब RBI को उम्मीद है कि इस साल औसत महंगाई दर 2.6% रहेगी, जो पहले के 3.1% के अनुमान से कम है। RBI गवर्न संजय मल्होत्रा ने कहा कि GST दरों में कटौती और खाने-पीने से जुड़ी चीजों के कीमतों में गिरावट से महंगाई के पहले से ज्यादा नरम रहने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, “महंगाई फिलहाल नियंत्रण में है। लेकिन अंतरराष्ट्रीय हालात (जैसे कच्चे तेल की कीमतें, जियोपॉलिटिकल टेंशन) अभी भी भारत पर असर डाल सकते हैं।”
4. GDP ग्रोथ के अनुमानों को बढ़ाया
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मौजूदा वित्त वर्ष 2026 के लिए देश की जीडीपी ग्रोथ रेट के अनुमान को 6.5% से बढ़ाकर 6.8% कर दिया है। यह फैसला अप्रैल-जून तिमाही में उम्मीद से बेहतर 7.8% की GDP ग्रोथ के आंकड़े आने के बाद लिया गया है।
5. ट्रंप टैरिफ से लग सकता है झटका
गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि GST दरों में कटौती से देश में महंगाई का दबाव कम हो रहा है। हालांकि उन्होंने आगाह किया कि अमेरिका की ओर से भारतीय एक्सपोर्ट पर 50% टैरिफ लगाने से बाहरी मांग में गिरावट आ सकती है। उन्होंने कहा, "घरेलू गतिविधियां फिलहाल मजबूत हैं और सरकार की नीतियों से सपोर्ट मिल रहा है, लेकिन ग्लोबल अनिश्चितता और टैरिफ से जुड़ी चिंताएं हमें सतर्क रहने को मजबूर करती हैं।"
6. इंश्योरेंस प्रीमियम और लेंडिंग लिमिट में सुधार का प्रस्ताव
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकिंग सेक्टर में सुधार के लिए कई अहम प्रस्ताव रखे हैं। RBI ने प्रस्ताव दिया है कि अब से डिपॉजिट इंश्योरेंस प्रीमियम को "जोखिम-आधारित" बनाया जाएगा। इसका मतलब यह है कि जो बैंक बेहतर क्रेडिट रेटिंग रखते हैं, उन्हें अब कम इंश्योरेंस प्रीमियम देना होगा, जिससे उनकी लागत घटेगी।
शेयर के बदले लोन में बड़ा बदलाव:
- लिस्टेड डेट सिक्योरिटीज के खिलाफ कर्ज पर अब कोई अधिकतम सीमा नहीं रहेगी।
- शेयरों के बदले कर्ज की व्यक्तिगत सीमा को ₹20 लाख से बढ़ाकर ₹1 करोड़ कर दिया गया है।
- IPO फाइनेंसिंग की सीमा भी अब ₹10 लाख से बढ़ाकर ₹25 लाख प्रति व्यक्ति की जाएगी।
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