भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) साइबर फ्रॉड पर लगाम लगाने और अवैध कर्ज देने वाले ऐप पर रोक लगाने के लिए डिजिटल इंडिया ट्रस्ट एजेंसी (DIGITA) के गठन पर विचार कर रहा है। बता दें कि कि देश में अवैध कर्ज देने वाले ऐप तेजी से बढ़ रहे हैं। इसके साथ ही साइबर फ्रॉड के मामलों में में बढ़ोतरी देखी गई है। सूत्रों ने कहा कि यह एजेंसी डिजिटल लोन देने वाले ऐप का वेरिफिकेशन करेगी और वेरिफाइड ऐप का एक पब्लिक रजिस्टर बनाएगी।
सूत्रों ने कहा कि जिन ऐप पर DIGITA के वेरिफिकेशन का निशान नहीं होगा, उन्हें अन-ऑथराइज्ड माना जाना चाहिए। इससे डिजिटल क्षेत्र में फाइनेंशियल क्राइम के खिलाफ लड़ाई में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि DIGITA को डिजिटल लोन देने वाले ऐप की जांच की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
सूत्रों के अनुसार इस वेरिफिकेशन प्रोसेस से डिजिटल लोन क्षेत्र के भीतर अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही पैदा करने में मदद करेगी। इस बीच रिजर्व बैंक ने आईटी मंत्रालय के साथ 442 डिजिटल लोन देने वाले ऐप की एक लिस्ट साझा की है, ताकि उन्हें गूगल पर प्रतिबंधित किया जा सके।
गूगल ने सितंबर 2022 से अगस्त 2023 तक अपने ऐप स्टोर से 2200 से अधिक डिजिटल तरीके से कर्ज देने वाले ऐप को हटाया है। सर्च इंजन गूगल ने प्लेस्टोर पर लोन ऐप्स को लागू करने के संबंध में अपनी पॉलिसी को अपडेट किया है और केवल उन ऐप्स को अनुमति दी गई है जो आरबीआई की लेगुलेटेड एंटिटी (RE) या RE के साथ साझेदारी में काम कर रहे हैं। Google द्वारा इस पॉलिसी में बदलाव भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और वित्त मंत्रालय के तहत डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल सर्विसेज (DFS) के अनुरोध पर किया गया है।