रिलायंस इंडस्ट्रीज का प्रदर्शन जून तिमाही में शानदार रहने की उम्मीद है। कंपनी के ऑपरेटिंग प्रॉफिट में टेलीकॉम, रिटेल और ऑयल-टू-केमिकल (ओ2सी) का अच्छा कंट्रिब्यूशन होगा। ओ2सी डिवीजन में मार्जिन बढ़ने की संभावना है। एनालिस्ट्स का कहना है कि मुश्किल साल के बाद यह स्थिति बेहतर होने का संकेत होगा। रिलायंस इंडस्ट्रीज 18 जुलाई को जून तिमाही के नतीजें पेश करेगी।
मनीकंट्रोल के सर्वे के मुताबिक, जून तिमाही में Reliance Industries का कंसॉलिडेटेड रेवेन्यू 2.46 लाख करोड़ रह सकता है। यह एक साल पहले की समान अवधि में 2.32 लाख करोड़ रुपये के रेवेन्यू से 6 फीसदी ज्यादा है। जून तिमाही में EBITDA 16 फीसदी बढ़कर 44.961.2 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। कंपनी का नेट प्रॉफिट साल दर साल आधार पर 40 फीसदी बढ़कर 21,233.1 करोड़ रुपये रह सकता है। मार्च तिमाही में कंपनी का नेट प्रॉफिट 19,407 करोड़ रुपये था।
जून तिमाही में कंसॉलिडेटेड EBITDA साल दर साल आधार पर 15.4 फीसदी बढ़ने का अनुमान है। तिमाही दर तिमाही आधार पर ग्रोथ 2.1 फीसदी रह सकती है। इसमें O2C, डिजिटल और रिटेल बिजनेसेज के अच्छे प्रदर्शन का हाथ होगा। हालांकि, एक्सप्लोरेशन एंड प्रोडक्शन (E&P) सेगमेंट में थोड़ी कमजोरी दिख सकती है। कंपनी को एशियन पेंट्स में हिस्सेदारी बेचने से 9,000 करोड़ रुपये मिले हैं। इस वन टाइम गेंस से टैक्स बाद प्रॉफिट (PAT) को सपोर्ट मिलेगा।
O2C सेगमेंट में EBITDA में साल दर साल आधार पर 17.7 फीसदी इम्प्रूवमेंट दिख सकता है। इसमें ग्रॉस रिफाइनिंग मार्जिन में तिमाही दर तिमाही आधार पर 0.4 डॉलर प्रति बैरल के इजाफा का हाथ होगा। पेट्रोकेम मार्जिन में भी कुछ रिकवरी की उम्मीद है, लेकिन रिफाइनरी शटडाउन की वजह से कम थॉरोपुट से फायदा सीमित रह सकता है। प्रोडक्शन वॉल्यूम थोड़ा कम रहने का असर अपस्ट्रीम सेगमेंट पर पड़ सकता है।
इस सेगमेंट की ग्रोथ अच्छी रह सकती है। एवरेज रेवेन्यू पर यूजर (ARPU) तिमाही दर तिमाही आधार पर 0.8 फीसदी बढ़ने की उम्मीद है। मोबाइल रेवेन्यू में तिमाही दर तिमाही आधार पर 2.6 फीसदी इजाफा हो सकता है। जून तिमाही में जियो के मोबाइल ग्राहकों की संख्या में 1.05 करोड़ इजाफा होने की उम्मीद है। इससे कंपनी के कुल मोबाइल ग्राहकों की संख्या बढ़कर 47.75 करोड़ पहुंच जाएगी। फिक्स्ड ब्रॉडबैंड खासकर 5जी फिक्स्ड वायरलेस एक्सेस (FWA) के ग्राहकों की संख्या में 30 लाख इजाफा होने की उम्मीद है।
इस सेगमेंट में ग्रोथ बेहतर रहने की संभावना है। EBITDA साल दर साल आधार पर 19 फीसदी ज्यादा रह सकती है। हालांकि, तिमाही दर तिमाही आधार पर यह फ्लैट रह सकता है। प्रति वर्ग फीट रेवेन्यू बढ़ने की उम्मीद है। मार्जिन भी बेहतर रह सकता है। रिटेल रेवेन्यू ग्रोथ साल दर साल आधार पर 20.8 फीसदी रह सकती है, जबकि तिमाही दर तिमाही आधर पर 3.1 फीसदी रहेगी।
ऑयल एंड गैस (O&G) सेगमेंट में EBITDA साल दर साल आधार पर 10 फीसदी और तिमाही दर तिमाही आधार पर 8 फीसदी घट सकता है। इसकी वह केजी-डी6 ब्लॉक में प्रोडक्शन में गिरावट है। इस ब्लॉक में प्रोडक्शन 9 फीसदी घटा है। हालांकि, डीप वाटर गैस की कीमतों में साल दर साल आधार पर 2 फीसदी इजाफा हुआ।
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इनवेस्टर्स की नजरें रिलायंस के 75,000 करोड़ रुपये के इनवेस्टमेंट प्लान पर होंगी। कंपनी न्यू एनर्जी बिजनेस में यह इनवेस्टमेंट करने वाली है। इनवेस्टर्स स्टोर एक्सपैंशन प्लान पर भी नजर रखेंगे। इसके अलावा निवेशक टेलीकॉम में प्राइसिंग स्ट्रेटेजी के बारे में भी जानना चाहेंगे।