बिजनेस-टू-बिजनेस (B2B) ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म बिजोंगो (Bizongo) ब वित्तीय गड़बड़ी की आशंका के चलते जांच के दायरे में आ गया है। सूत्रों के मुताबिक, ऑडिटर्स ने कंपनी की वित्तीय गतिविधियों को लेकर गंभीर चिंताएं जताई हैं और इसमें फ्रॉड होने तक की आशंका जताई है। बता दें कि बिजोंगो में एक्सेल, चिराटे वेंचर्स जैसी कई बड़ी इनवेस्टमेंट फर्मों का निवेश हैं।
ऑडिटर BSR & Co. LLP ने जनवरी 2025 में जारी एक ऑडिट रिपोर्ट में कंपनी के FY24 (वित्त वर्ष 2023-24) के खातों में कई अनियमितताओं की ओर इशारा किया है। इसमें कुछ कस्टमर्स और वेंडर्स के बीच संदिग्ध रिश्ते, मिलते जुलते पते और नामों के दोहराव जैसी बातें शामिल हैं। इसके अलावा, डिलीवरी के कई मामलों में 'प्रूफ ऑफ डिलीवरी (POD)' से जुड़े डॉक्यूमेंट्स भी गायब पाए गए हैं।
डिटर्स ने कंपनी को 7 जनवरी को भेजे एक लेटर में लिखा, "ऑडिट के दौरान जो सबूत हमें मिले हैं, वे अपूर्ण और संदिग्ध दिखाई देते हैं। इनसे यह संदेह पैदा होता है कि खातों में दर्ज आंकड़े और लेनदेन सही नहीं हो सकते। इन मामलों की एक स्वतंत्र जांच की जरूरत है।" मनीकंट्रोल ने इन ईमेल की एक कॉपी देखी है।
कंपनी ने दी सफाई, पुरानी घटनाओं से जोड़ा मामला
Bizongo ने ऑडिटर्स की चिंताओं को स्वीकारते हुए कहा कि यह मामला सितंबर 2024 में एक पूर्व कर्मचारी के किए धोखाधड़ी से जुड़ा है। कंपनी का दावा है कि ये सारी अनियमितताएं पहले के बिजनेस ऑपरेशंस से जुड़ी हैं और मौजूदा बिजनेस मॉडल पूरी तरह पारदर्शी है।
2015 में शुरू हुई Bizongo ने अब तक कुल 31.5 करोड़ की फंडिंग जुटाई है और अक्टूबर 2023 की फंडिंग में इसकी वैल्यूएशन 98 करोड़ पहुंच गई थी। कंपनी अब यूनिकॉर्न बनने का लक्ष्य लेकर चल रही है। इसके प्रमुख निवेशकों में Accel, Tiger Global, B Capital और Chiratae Ventures जैसे दिग्गज नाम शामिल हैं। हालांकि, FY23 में कंपनी ने 167 करोड़ रुपये के रेवेन्यू के मुकाबले 292 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया था।
स्टार्टअप गवर्नेंस पर सवाल
Bizongo पर उठे सवाल ऐसे समय में सामने आए हैं जब कई अन्य स्टार्टअप्स भी गवर्नेंस संकट का सामना कर रहे हैं। इससे पहले EV कैब सर्विस मुहैया कराने वाली कंपनी BluSmart और हेल्थटेक प्लेटफॉर्म Medikabazaar जैसे स्टार्टअप्स पर भी कॉरपोरेट गवर्नेंस को लेकर सवाल उठे हैं। ये घटनाएं भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में कड़े रेगुलेशंस और पारदर्शिता की जरूरत को और अधिक उजागर कर रही हैं।
डिस्क्लेमरः Moneycontrol पर एक्सपर्ट्स/ब्रोकरेज फर्म्स की ओर से दिए जाने वाले विचार और निवेश सलाह उनके अपने होते हैं, न कि वेबसाइट और उसके मैनेजमेंट के। Moneycontrol यूजर्स को सलाह देता है कि वह कोई भी निवेश निर्णय लेने के पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह लें।