BharatPe Controversy: जानिए भारतपे के अशनीर ग्रोवर ने Resignation Letter में क्या-क्या लिखा है
मनीकंट्रोल ने 27 फरवरी को खबर दी थी कि अशनीर की इमर्जेंसी आर्बिट्रेशन की याचिका सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर (SIAC) ने खारीज कर दी है। इसमें उन्होंने कॉर्पोरेट गवर्नेंस की जांच के भारतपे के बोर्ड के फैसले को चुनौती दी थी
अशनीर ग्रोवर ने लिखा है कि मैं एक प्रोफेशनल हूं जिसका रिकॉर्ड बेदाग रहा है, जो दो यूनिकॉर्न बिजनेसेज-'ग्रोफर्स और भारतपे' खड़ा करने में इंस्ट्रूमेंटल रहा है। मैंने न सिर्फ इस देश के युवाओं को अपने सपने को पूरा करने के लिए प्रेरित किया है बल्कि लाखों युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा किए हैं।
BharatPe के को-फाउंडर अशनीर ग्रोवर (Ashneer Grover) ने 1 मार्च को कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर (Managing Director of BharatPe) के पद से रिजाइन कर दिया। पिछले कई हफ्ते से कंपनी के बोर्ड से उनकी कानूनी लड़ाई चल रही थी। इससे पहले भारतपे के बोर्ड ने ग्रोवर की पत्नी माधुरी जैन ग्रोवर (Madhuri Jain Grover) को टर्मिनेट कर दिया था। वह कंपनी में हेड ऑफ कंट्रोल थीं। उन पर पैसे के दुरुपयोग सहित कई आरोप थे।
मनीकंट्रोल ने 27 फरवरी को खबर दी थी कि अशनीर की इमर्जेंसी आर्बिट्रेशन की याचिका सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर (SIAC) ने खारीज कर दी है। इसमें उन्होंने कॉर्पोरेट गवर्नेंस की जांच के भारतपे के बोर्ड के फैसले को चुनौती दी थी।
आइए जानते हैं अशनीर ने अपने रेजिग्नेशन लेटर में क्या लिखा:
डियर बोर्ड,
मैं भारी दिल के साथ यह लिख रहा हूं, क्योंकि मुझे उस कंपनी को छोड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है, जिसका मैं फाउंडर हूं। मैं गर्व के साथ यह कहता हूं कि आज यह कंपनी फिनटेक वर्ल्ड की लीडर है। दुर्भाग्य से 2022 की शुरुआत से मुझे बेसलेस मसलों में उलझाया गया और कुछ लोगों की तरफ से मेरे और मेरे परिवार को निशाना बनाया गया। ये लोग न सिर्फ मुझे और मेरी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए तैयार हैं बल्कि ये कंपनी की प्रतिष्ठा को भी नुकसान पहुंचाना चाहते हैं। लेकिन, ये दिखावा कर रहे हैं कि वे कंपनी को प्रोटेक्ट कर रहे हैं।
मैं इंडियन आंत्रप्रेन्योरशिप का चेहरा और खुद का बिजनेस शुरू करने की चाहत रखने वाले इंडियन यूथ के लिए प्रेरणा का स्रोत रहा। अब मुझे अपने ही इनवेस्टर्स और मैनेजमेंट के साथ लड़ाई लड़नी पड़ रही है। दुर्भाग्य से इस लड़ाई में मैनेजमेंट यह भूल गया है कि इसमें क्या दांव पर लगा है। वह है भारतपे।
जो लोग मुझे जानते हैं और मेरे साथ करीब से काम कर चुके हैं वे जानते हैं कि मैं चीजों को बनाने में यकीन करता हूं-चाहे जो भी चुनौती पेश आए। मैं आईआईटी दिल्ली-आईआईएम अहमदाबाद का ग्रेजुएट हूं, जो इंडियन एजुकेशन सिस्टम के सबसे बेहतर संस्थान हैं। मैं मिडिल क्लास पेरेंट्स का बच्चा हूं, जिन्होंने मुझे हार्ड वर्क और इमानदारी की वैल्यू सिखाई है।
मैं एक प्रोफेशनल हूं जिसका रिकॉर्ड बेदाग रहा है। जो दो यूनिकॉर्न बिजनेसेज खड़ा करने में इंस्ट्रूमेंटल रहा है-ग्रोफर्स और भारतपे। मैंने न सिर्फ इस देश के युवाओं को अपने सपने को पूरा करने के लिए प्रेरित किया है बल्कि लाखों युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा किया है। मुझे इस बात का गौरव है कि मेरी जर्नी और ग्रोथ न सिर्फ मुझ तक सीमित रही है बल्कि इसके दायरे में वे लोग भी हैं, जो मुझसे- प्रोफेशनली और पर्सनली जुड़े रहे हैं। देश में स्टार्टअप इकोसिस्टम को प्रमोट करने और उसकी ग्रोथ की अपनी कोशिश में मैंने जो कुछ कमाया है, उसे फिर से इनवेस्ट किया है और इसके साथ-साथ कई लोगों की मदद की है।
मैंने भारतपे का ध्यान एक बेबी की तरह रखा है। मैंने इस अपने को-फाउंडर के साथ मिलकर बनाया है और लोगों की एक टैलेंटेड टीम खड़ी की है। ज्यादातर समय स्थितियां प्रतिकूल थीं लेकिन ये मुझे आगे बढ़ने से रोक नहीं सकीं। यूपीआई स्पेस में दाखिल होने वाली भारतपे अंतिम कंपनी थी। इसका मुकाबला पेटीएम, फोनपे और गूगलपे जैसी दिग्गज कंपनियों से रहा। इसके बावजूद यह इंडस्ट्री के लीडर के रूप में उभरी। 0% एमडीआर, लोन अगेंस्ट पेमेंट्स, 12%क्लब के साथ पी2पी और बीएनपी के साथ पेमेंट में बड़ा बदलाव लाने का मेरा विजन था। मेरी कोशिश और कड़ी मेहनत से कंपनी ने एक करोड़ से ज्यादा दुकानदारों का नेटवर्क बनाया है, जो सालाना 1,00,000 करोड़ ट्राजेंक्शन करते हैं और 4,000 करोड़ रुपये से ज्यादा लोन के रूप में देते हैं।
सबसे अहम और इंडिया में किसी फिनटेक के लिए पहली बार-मेरी लगातार कोशिश से कंपनी (भारतपे) ने यूनिटी स्मॉल फाइनेंस बैंक बनाने के लिए स्मॉल फाइनेंस बैंक का लाइसेंस हासिल किया। मैंने पीएमसी बैंक और इसके 10 लाख डिपॉजिटर्स को उनकी गाढ़ी मेहनत की कमाई वापस दिलाने के लिए साहस और इच्छा दिखाई।
आज भारतपे जिस ऊंचाई पर खड़ा है, वह पिछले चार साल की कड़ी मेहनत का नतीजा है। 500 से कम रोल-इंप्लॉयीज की टीम, 15 करोड़ डॉलर से कम खर्च और इनवेस्टर्स से जुटाई गई 61.5 करोड़ डॉलर की रकम के साथ भारतपे की सक्सेश स्टोरी के बारे में सब जानते हैं। भारतपे की कमर्शियल सक्सेस स्टोरी लिखने के साथ ही कंपनी अपने इंप्लॉयीज को 100 करोड़ रुपये से ज्यादा के ईसॉप्स के साथ लिक्विडिटी देने की भी कोशिश की। हमने अपहने 28 एंजेल इनवेस्टर्स को कम से कम आठ गुना रिटर्न दिया। सीरीज ई राउंड में कंपनी की वैल्यू 20,000 करोड़ रुपये थी। आज इसकी वैल्यू 40,000 करोड़ रुपये है। यह सब एक साल से कम समय में हुआ है। इस तरह की किसी दूसरे स्टार्टअप ने वह हासिल नहीं किया है, जो आज भारतपे ने किया है। वह भी सिर्फ 1,000 करोड़ रुपये से कम के इस्तेमाल से। साफ तौर पर भारतपे की सक्सेस स्टोरी दुनिया को जाननी चाहिए।
क्या मैं परफेक्ट हूं? किसी दूसरे व्यक्ति की तरह मुझमें भी कई कमियां हैं। मुझे बताया गया है कि बहुत ज्यादा स्ट्रेट फॉरवर्ड और जिद्दी हूं और काम के स्टैंडर्ड को लेकर बहुत ज्यादा डिमांडिग हूं। लेकिन, ये वहीं क्वालिटीज हैं, जिनकी वजह से आज भारतपे ने शानदार ग्रोथ हासिल की है। दुर्भाग्य से पिछले दिनों जो कुछ हुआ, वह 'गुड गवर्नेंस' की आड़ में मीडिया में लड़ी जा रही ईगो की लड़ाई लग रही है।
बुनियादी तथ्य यह है कि बतौर इनवेस्टर्स आप सभी उन सच्चाइयों से बहुत दूर हैं और आप यह भूल गए हैं कि रियल बिजनेस कैसा दिखता है और आपके पास इस एंटरप्राइज को दिन-रात चलाने में लगने वाली कोशिश के लिए तारीख के शब्द नहीं हैं। भारतपे के बारे में आपका नजरियां सिर्फ उस छोटे विंडो तक सीमित है, जिसे आप जूम मीटिंग एप्लिकेशन में देखते थे। आप में से कोई यहां तक कि इंडिया में रहने वाले लोगों ने भी कभी हमारे ऑफिस को विजिट तक नहीं किया है। एक बार भी नहीं। न ही मिकी ने। न ही हर्षजित ने, न ही मोहित ने, ने ही तेरू सैन ने, न ही राहुल ने और न ही देवेन ने। आप में से कोई तब भी नहीं आया, जब हमने अपने नए ऑफिस के इनॉगेरेशन के लिए इनविटेशन भेजा। यह दिखाता है कि आप कितना से भारतपे से कनेक्टेड हैं।
जमीनी बिजनेस और प्रॉब्लम्स के बारे में आपका नजरियां आइवरी टावर्स (जिसमें आप रहते हैं) के विंडो से इतना कलर्ड है कि आपको बिजनेस से जुड़े मानवीय पहलू के बारे में कोई जानकारी नहीं है। यह दुखद है कि आपने फाउंडर के साथ भी जुड़ाव खत्म कर दिया है। आपने मेरे साथ जुड़ाव खत्म कर दिया है। आपके लिए इस कंपनी का फाउंडर एक बटन के अलावा कुछ भी नहीं रह गया है, जिसे जब जरूरत पड़े दबा दिया जाए। आपके लिए मेरा इनसानी वजूद खत्म हो गया है। आज आपने फ्रैंक बातचीत की जगह गपबाजी और अफवाहों पर यकीन करने को चुना है। आप इतनी जल्द इसलिए उग्र हो जाते हैं, क्योंकि आपका सच्चाई से कोई वास्ता नहीं है।
मामले की सच्चाई यह है कि आज आपको लगता है कि मेरी उपयोगिता पूरी हो चुकी है, इसलिए धीरे-धीरे मैं एक लायबिलिटी बन रहा हूं। और चूंकि इनवेस्टर टेंपलेट यह रहा है कि जिस फाउंडर की जरूरत न हो उसे बाहर जाने देने के लिए उसे विलेन बना दिया जाए। यही वजह है कि आपने मेरे साथ ऐसा किया है। जब आपको मेरे पर्सनल नेटवर्क का इस्तेमाल करना था, तो आप इसका खुशी-खुशी इस्तेमाल कर रहे थे। आज मेरी तौहीन की जा रही है, मेरे साथ खराब सलूक किया जा रहा है।
आप हम फाउंडर्स के साथ गुलामों जैसा व्यवहार करते हैं--हमें अरबों डॉलर का बिजनेसेज बनाने के लिए पुश किया जाता है और जब मर्जी हमें जमीन पर पटक दिया जाता है। इंडिया में इनवेस्टर-फाउंडर का रिलेशन मालिक-गुलाम जैसा है। दुर्भाग्य से मैं इस रास्ते पर चलने से इनकार करता हूं और लगातार खुद और अपने परिवार की तौहीन बर्दाश्त करने के लिए तैयार नहीं हूं। मैं वह व्यक्ति हूं, जिसने कंपनी शुरू की और उसे बुलंदियों पर पहुंचाया। इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि आज आप अपने स्वार्थ के लिए मुझे बाहर कर रहे हैं।
अब हम इसे खत्म कर रहे हैं। मैं यह बता देना चाहता हूं कि आपको मेरे खिलाफ गड़बड़ी का एक भी मामला नहीं मिलेगा। चूंकि आपको यह लगता है कि आप इस कंपनी को चला सकते हैं मेरे बगैर तो मैं इस चैलेंज के साथ कंपनी छोड़ रहा हूं।
मैंने अब तक जो वैल्यू बनाई है, उसका आधा भी बनाकर आप दिखा दीजिए- मैं आपके लिए तीन गुने फंड्स छोड़ रहा हूं, जिसका अब तक मैंने इस्तेमाल किया है। मैं भारतपे के मैनेजिंग डायरेक्टर पद से इस्तीफा देता हूं, यह तुरंत प्रभाव से लागू है। मैं बोर्ड के डायरेक्टर के रूप में भी इस्तीफा देता हूं। मैं इस कंपनी का अकेला सबसे बड़ा शेयरहोल्डर बना रहूंगा।
मैंने भारतपे की स्थापना की है और इसे वह कंपनी बनाया है, जो यह आज है, और यह पहचान आप में से कोई मुझसे छीन नहीं सकता।