Ashneer Grover : फिनटेक कंपनी भारतपे (BharatPe) के बोर्ड के साथ लड़ रहे अशनीर ग्रोवर ने कंपनी के एमडी और डायरेक्ट के रूप में इस्तीफा दे दिया है। कुछ दिन पहले ही उनकी माधुरी जैन (Madhuri Jain) को फंड के दुरुपयोग के आरोप में हेड ऑफ कंट्रोल पद से टर्मिनेट कर दिया गया था। सीएनबीसी-टीवी18 के हवाले से यह खबर सामने आई है।
मुझे कंपनी छोड़ने को किया गया मजबूर : ग्रोवर
बोर्ड को भेजे अपने इस्तीफे में ग्रोवर ने कहा, “मैं बड़े दुख के साथ इसे लिख रहा हूं, क्योंकि मुझे उस कंपनी को अलविदा कहने के लिए मजबूर किया जा रहा है जिसका मैं एक फाउंडर हूं। आज यह कंपनी फिनटेक की दुनिया में एक लीडर के रूप में खड़ी है। 2022 की शुरुआत से ही बदकिस्मती से कुछ लोगों ने न सिर्फ मेरी प्रतिष्ठा को बल्कि कंपनी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए मुझे और मेरे परिवार को बिना किसी आधार के फंसाया है। वे स्पष्ट रूप से इसे ही बचाने की कोशिश कर रहे हैं।”
ग्रोवर की गवर्नैंस रिव्यू को चुनौती देने वाली याचिका हो गई थी खारिज
27 फरवरी को ही मनीकंट्रोल ने खबर दी थी कि भारतपे के कोफाउंडर अशनीर ग्रोवर द्वारा कंपनी के गवर्नैंस रिव्यू कराने के फैसले को चुनौती देने वाली इमरजेंसी आर्बिट्रेशन प्ली को सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर (SIAC) ने खारिज कर दिया है।
मनीकंट्रोल के साथ बातचीत में ग्रोवर ने बोर्ड के गवर्नेंस रिव्यू शुरू करने के पीछे बोर्ड के इरादे पर सवाल उठाए थे। ग्रोवर ने अलवारेज एंड मार्सल द्वारा किए गए ऑडिट की आधी अधूरी रिपोर्ट मीडिया में लीक किए जाने पर भी सवाल उठाए थे।
ग्रोवर ने अपने इस्तीफे में क्या लिखा
अपने इस्तीफे में ग्रोवर ने लिखा, “भारतीय इंटरप्रेन्योरशिप का चर्चित चेहरा और भारत के युवाओं के लिए अपना बिजनेस शुरू करने की प्रेरणा होते हुए, मैं अब अपने इनवेस्टर्स और मैनेजमेंट के साथ लड़ाई करने में अपना समय खराब कर रहा हूं। बदकिस्मती से इस लड़ाई में, मैनेजमेंट ने वास्तव में वह गंवा दिया जो दांव पर लगा था, वह थी भारतपे।”
28 जनवरी को, भारतपे (BharatPe) ने खुलासा किया था कि कंपनी ने गवर्नेंस रिव्यू कराने के लिए अलवारेज को नियुक्त किया है। अगले हफ्ते पीडब्ल्यूसी को नियुक्त करने की पुष्टि की गई थी।