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बैंकों में बिना किसी क्लेम के पड़े हैं ₹1.84 लाख करोड़, FM निर्मला सीतारमण ने जताई चिंता

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार 4 अक्टूबर को कहा कि देशभर के बैंकों और नियामकीय संस्थाओं के पास करीब 1.84 लाख करोड़ रुपये के वित्तीय एसेट्स बिना किसी दावे के पड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए ये धनराशि जल्द से जल्द उनके वास्तविक हकदारों तक पहुंचे

अपडेटेड Oct 04, 2025 पर 8:50 PM
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निर्मला सीतारमण, केंद्रीय वित्त मंत्री

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार 4 अक्टूबर को कहा कि देशभर के बैंकों और नियामकीय संस्थाओं के पास करीब 1.84 लाख करोड़ रुपये के वित्तीय एसेट्स बिना किसी दावे के पड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए ये धनराशि जल्द से जल्द उनके वास्तविक हकदारों तक पहुंचे। निर्मला सीतारमण ने इसके साथ ही गुजरात के गांधीनगर से “आपकी पूंजी, आपका अधिकार” नाम से एक अभियान लॉन्च किया। यह अभियान करीब तीन महीने तक चलेगा।

सीतारमण ने कहा कि इस मौके पर अधिकारियों से नागरिकों को उनका पैसा वापस दिलाने में मदद करने के लिए “जागरूकता, पहुंच और समयबद्ध कार्रवाई" पर ध्यान देने को कहा।

वित्त मंत्री ने कहा, “बैंक, आरबीआई या IEPF (इन्वेस्टर एजुकेशन एंड प्रोटेक्शन फंड) के पास काफी बड़ी राशि बिना किसी क्लेम के पड़ी हुई है। हमें इनके सही मालिकों और दावेदारों तक ये रकम पहुंचानी है। विभागीय आंकड़ों के अनुसार करीब 1.84 लाख करोड़ की राशि वहां पड़ी हुई है। मैं आपको आश्वस्त करना चाहती हूं कि यह बिल्कुल सुरक्षित है। सही कागजात लेकर जब भी कोई दावा करेगा, पैसा उसे मिल जाएगा। सरकार इसकी संरक्षक है।”


निर्मला सीतारमण ने कहा कि यह सिर्फ कागजो पर दर्ज रकम नहीं है, बल्कि आम परिवारों की मेहनत की कमाई है, जो उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य और वित्तीय सुरक्षा का आधार बन सकती है। उन्होंने अधिकारियों से तीन महीने के अभियान के दौरान इन बिना दावे वाली संपत्तियों को उनके असली मालिकों तक पहुंचाने के लिए तीन पहलुओं- जागरूकता, पहुंच और कार्रवाई - पर काम करने की अपील की।

उन्होंने बताया कि जागरूकता के जरिए लोगों को यह जानकारी दी जाएगी कि उनका पैसा कहां और कैसे खोजा जा सकता है। पहुंच के लिए सरल डिजिटल टूल्स और जिला स्तर पर कार्यक्रम चलाए जाएंगे, जबकि कार्रवाई का मकसद दावों का पारदर्शी और समयबद्ध निपटारा करना होगा।

वित्त मंत्री ने कहा कि अगर किसी वजह से संपत्ति पर लंबे समय तक दावा नहीं किया जाता है, तो उसे एक संस्था से दूसरी संस्था में ट्रांसफर कर दिया जाता है। उन्होंने कहा कि जमा राशि के मामले में यह बैंकों से RBI के पास जाता है। वहीं शेयर या इस तरह की दूसरी संपत्तियों के मामले में यह SEBI से "किसी दूसरे केंद्र या IEPF" में चला जाता है।

सीतारमण ने कहा कि आरबीआई ने इसके लिए 'UDGAM (अनक्लेम्ड डिपॉजिट्स गेटवे टू एक्सेस इन्फॉर्मेशन)' नाम से एक अलग पोर्टल बनाया है। उन्होंने कहा, “जैसे ही आप क्लेम करेंगे, आपको पैसा मिल जाएगा। इसलिए अब वक्त आ गया है कि हम सब लोग इस बारे में अधिक से अधिक जानकारी फैलाएं।”

सीतारमण ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने व्यक्तिगत रूप से इस पहल को आगे बढ़ाने के लिए मंत्रालय से कहा था कि “लोगों और वित्तीय संस्थाओं के बीच की दूरी खत्म की जाए और सुनिश्चित किया जाए कि उन्हें उनका पैसा मिल सके।”

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