इलेक्ट्रिक कैब सर्विसेज कंपनी ब्लूस्मार्ट (BluSmart) ने फॉरेंसिक ऑडिट के लिए ग्रांट थॉर्नटन को हायर किया है। यह बात रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में सोर्सेज के हवाले से कही गई है। एक सोर्स ने कहा कि ग्रांट थॉर्नटन को कंपनी की कैश पोजिशन को देखने और फंड की आवाजाही का रिव्यू करने का काम सौंपा गया है। ब्लूस्मार्ट की कैश पोजिशन चिंताजनक है। ग्रांट थॉर्नटन को यह पता लगाना होगा कि फंड कहां जा रहा है। क्या धोखाधड़ी हुई है। ब्लूस्मार्ट को जेनसोल इंजीनियरिंग के फाउंडर्स अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी ने पुनीत के गोयल के साथ 2019 में शुरू किया था।
जेनसोल इंजीनियरिंग पर SEBI की जांच के बाद सामने आए नतीजों की आग में ब्लूस्मार्ट भी झुलस रही है। ब्लूस्मार्ट ने पहले ही कई शहरों में सर्विस बंद कर दी है। ब्लूस्मार्ट के फ्लीट में 8,000 से अधिक इलेक्ट्रिक टैक्सी हैं। इसने नई दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु जैसे शहरों में बड़े पैमाने पर चार्जिंग हब स्थापित किए। 2023 में कंपनी ने कहा था कि नई दिल्ली में इसकी 9% बाजार हिस्सेदारी है।
जेनसोल इंजीनियरिंग और प्रमोटर्स पर क्या हैं आरोप
जेनसोल इंजीनियरिंग पर पैसों को डायवर्ट करने, कर्ज का गलत इस्तेमाल करने और संबंधित पक्षों के माध्यम से अपने स्टॉक में ट्रेड को फाइनेंस करने का आरोप है। जेनसोल पर आरोप है कि उसने ईवी खरीद के लिए 200 करोड़ रुपये से अधिक की राशि डायवर्ट की। कंपनी के प्रमोटर्स अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी ने ब्लूस्मार्ट के लिए नए इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने के लिए लिए गए लोन को अपने निजी हित के लिए इस्तेमाल किया, जैसे कि गुरुग्राम में लग्जरी अपार्टमेंट की खरीद।
सेबी ने आरोप लगाया है कि जेनसोल इंजीनियरिंग से पैसे को प्राइवेट प्रमोटर एंटिटीज और प्रमोटर्स को ट्रांसफर किया गया। जेनसोल के प्रमोटर्स पर जेनसोल के शेयरों में ट्रेड करने के लिए एक प्राइवेट एंटिटी वेलरे का इस्तेमाल करेन और इसके लिए उसे फंड मुहैया कराने का भी आरोप है।
एवरसोर्स कैपिटल कर सकती है ब्लूस्मार्ट की खरीद
हाल ही में खबर आई थी कि इनवेस्टमेंट फर्म एवरसोर्स कैपिटल, ब्लूस्मार्ट को खरीदने के लिए एडवांस्ड लेवल की बातचीत में है। CNBC-TV18 को सोर्सेज से पता चला है कि कंपनी ने ब्लूस्मार्ट का अधिग्रहण करने के लिए लगभग 850 करोड़ रुपये का नॉन बाइंडिंग ऑफर दिया है। संभावित सौदे के हिस्से के रूप में, ब्लूस्मार्ट के को-फाउंडर अनमोल जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी को कंपनी के बोर्ड में अपनी भूमिकाओं से हटने के लिए कहा जा सकता है। एवरसोर्स सौदे पर फाइनल घोषणा अगले दो हफ्तों के अंदर की जा सकती है।