बायजूज (Byju’s) के कर्मचारियों को इस बात का डर सता रहा है कि उनका PF का पैसा नहीं मिलेगा। लेकिन एंप्लॉयीज का प्रतिनिधि करने वाले EPFO के एक बोर्ड मेंबर रघुनाथन केई ने कर्मचारियों को भरोसा दिलाया है कि PF का पूरा बकाया चुकाया जाएगा। रघुनाथन ने फोन पर मनीकंट्रोल से बात करते हुए कहा, "बायजूज के कर्मचारियों को PF के बकाया रकम की फिक्र करने की जरूरत नहीं है। उनकी सोशल सिक्योरिटी कस्टोडियन-EPFO कर्मचारियों का पूरा पैसा उन्हें दिलाएगा।"
रघुनाथन ने आगे कहा, "EPFO को जब इस बात का पता चला तो इसकी आगे जांच हो रही है। कंपनी को इस मामले में अपना पक्ष रखने के लिए वक्त दिया जाएगा। EPFO की यह जिम्मेदारी है कि कंपनी भी बची रहे और कर्मचारियों की नौकरी भी ना जाए। लेकिन इसके साथ ही कर्मचारियों को PF का बाकी बचा हुआ पैसा मिलना चाहिए।"
रघनाथन का बयान ऐसे समय में आया है जब एक दिन पहले ही मनीकंट्रोल ने यह खबर दी थी कि Byju's ने पिछले साल अक्टूबर से ही लगभग सभी कर्मचारियों का PF कॉन्ट्रिब्यूशन नहीं दिया है। EPFO से हासिल किए डेटा के मुताबिक, ज्यादातर कर्मचारियों का अप्रैल और मई के लिए PF कॉन्ट्रिब्यूशन नहीं हुआ है। जबकि कंपनी ने इन कर्मचारियों की सैलरी से PF की रकम काट ली है।
क्या Byju's पर लगेगा जुर्माना?
लीगल सर्विस देने वाली मुंबई की एक कंपनी पायोनीयर लीगल के पार्टनर संकेत जैन ने कहा, अगर कोई कंपनी दो महीने तक कर्मचारियों का PF का पैसा जमा नहीं करती है तो उसे सालाना 5 फीसदी की दर से एरियर देना होगा। अगर कोई कंपनी दो महीने से ज्यादा लेकिन 4 महीने से कम समय तक के लिए कर्मचारियों के PF का पैसा जमा नहीं करती है तो उसे सालाना 10 फीसदी के हिसाब से एरियर देना होगा। वहीं अगर कोई कंपनी चार महीने से लेकर 6 महीने तक PF पेमेंट पर डिफॉल्ट करती है तो उसे सालाना 15 फीसदी की दर से एरियर देना होगा। जबकि 6 महीने से ज्यादा लंबे समय तक PF ना जमा करने वाली कंपनियों को एनुअली 25 फीसदी तक एरियर देना होगा।
हालांकि बायजूज लगातार यह कह रही है कि उसने PF का सारा पैसा चुका दिया है।
कैसे हुई Byju's की शुरुआत?
रवींद्रन बायजू पहले एक टीचर थे। 10 साल पहले उन्होंने Byju's की शुरुआत की और 5 अरब डॉलर से ज्यादा फंड जुटाया है। कंपनी ने इसमें से ज्यादातर फंड पिछले 5 सालों में जुटाया है। कंपनी मार्च 2022 में अपने पीक पर थी। उस वक्त Byju's ने 22 अरब डॉलर के भारी-भरकम वैल्यूएशन पर 80 करोड़ डॉलर का फंड जुटाया था। तब Byju's देश की सबसे वैल्यूएबल स्टार्टअप बन गई थी। लेकिन उसके बाद कहानी पूरी तरह बदल गई।
Byju's की नई मुश्किल क्या है?
हाल ही में कंपनी के ऑडिटर और इसके नॉन-प्रमोटर बोर्ड मेंबर्स ने इसका साथ छोड़ दिया। पिछले 6 महीने से कंपनी का अपने टर्म लोन B लेंडर्स के साथ मनमुटाव चल रहा है। कंपनी और लेंडर्स दोनों ने एक दूसरे पर अमेरिका की कोर्ट में मुकदमा ठोक दिया है। अप्रैल में Byju's के बेंगलुरु ऑफिस में ED ने FEMA के तहत छापा मारा था।