Byju's Crisis: अगर एडटेक कंपनी बायजूज (Byju's) के खिलाफ दिवालियापन की कार्यवाही शुरू होती है, तो इसके चलते कंपनी के शायद हजारों कर्मचारियों को नौकरी छोड़ने पर मजबूर होना पड़ेगा। साथ ही इसके चलते कंपनी की सेवाएं पूरी तरह से बंद हो जाएंगी। बायजूज के फाउंडरर और सीईओ, बायजू रवींद्रन (Byju Raveendran) ने कोर्ट को सौंपे एक एफिडेविट में ये बातें कही हैं। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने इस एफिडेविट को देखा है। बता दें कि बायजूज की गिनती कभी भारत के सबसे बड़े स्टार्टअप्स में होती थी, जिसका वैल्यूएशन 22 अरब डॉलर को पार कर गया था। बायजूज में प्रोसस और जनरल अटलांटिक जैसे कई दिग्गज इनवेस्टमेंट फर्मों ने निवेश किया हुआ है।
बायजूज को हाल के कई महीनों में कई झटके लगे हैं। इसमें नौकरियों में कटौती, इसके वैल्यूएशन में गिरावट और निवेशकों के साथ झगड़ा शामिल है। निवेशकों ने बायजूज के फाउंडर और सीईओ बायजू रवींद्रन पर कॉरपोरेट प्रशासन में चूक का आरोप लगाया था। हालांकि बायजू ने किसी भी तरह की गड़बड़ी से इनकार किया है।
अब बायजूज अपने सबसे बड़े संकट का सामना कर रही है। BCCI की ओर से 1.9 करोड़ डॉलर की स्पॉन्सरशिप डील के बकाया भुगतान की शिकायत किए जाने के बाद एक ट्राइब्यूनल ने बायजूज के खिलाफ दिवालिया कार्यवाही कार्यवाही शुरू कर दी है। बायजूज की संपत्तियां जब्त कर ली गई हैं और इसके बोर्ड को निलंबित कर दिया गया है।
रवींद्रन ने दिवालियापन प्रक्रिया को रद्द करने की मांग करते हुए कोर्ट में अपील दायर की है। अपील में कहा गया है कि इस दिवालिया प्रक्रिया के चलते वे वेंडर्स जो कंपनी के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म को रखरखाव के लिए अहम सेवाएं मुहैया कराते हैं, उन्हें डिफॉल्ट घोषित कर दिया जाएगा। इससे कंपनी की "सेवाएं पूरी तरह बंद हो जाएंगी" और कारोबार "पूरी तरह ठप" हो जाएगा।
रवींद्रन के वकील ने कर्नाटक हाईकोर्ट में 452-पन्नों की अपील दायर की है। हालांकि अभी तक यह कागज सार्वजनिक नहीं हुए, लेकिन न्यूज एजेंसी रॉयटर्न ने इन्हें देखा है। अदालत सोमवार को इस मामले की सुनवाई करेगी।
डॉक्यूमेंट्स में कहा गया है कि रवींद्रन 90 दिनों के BCCI को बकाया राशि का भुगतान करने के लिए तैयार हैं। बायजू के पास फिलहाल करीब 27,000 कर्मचारी हैं, जिनमें 16,000 टीचर्स शामिल हैं।