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Byju's की फिर बढ़ी मुश्किलें, निवेशकों के साथ विवाद के कारण कंपनी सैलरी देने में असमर्थ

हाल ही में 23 फरवरी को बायजूस के शेयरधारकों ने एक बैठक की थी और स्टार्टअप में कथित कुप्रबंधन और विफलताओं को लेकर संस्थापक-सीईओ रवींद्रन और उनके परिवार को बोर्ड से हटाने के लिए सर्वसम्मति से मतदान किया था। हालांकि कंपनी ने पलटवार करते हुए संस्थापकों की अनुपस्थिति में अमान्य और अप्रभावी के रूप में मतदान रद्द कर दिया।

अपडेटेड Mar 02, 2024 पर 5:48 PM
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आर्थिक संकट का सामना कर रही कंपनी Byju's अब सैलरी देने में असमर्थ है

Byju's फिलहाल आर्थिक संकट का सामना कर रही है और कंपनी को लेकर कई खबरें भी सामने आ रही हैं। वहीं अब जानकारी सामने आई है कि कंपनी अपने कर्मचारियों को वेतन देने में भी असमर्थ है। बायजूस के संस्थापक बायजू रवींद्रन ने जानकारी देते हुए कहा है कि कंपनी कर्मचारियों को वेतन देने में असमर्थ है क्योंकि निवेशकों के साथ चल रहे विवाद के बीच राइट्स इश्यू फंड एक अलग खाते में बंद है। रवींद्रन ने कथित तौर पर कर्मचारियों से कहा कि कुछ निवेशक हृदयहीन स्तर तक गिर गए हैं, इस बीत हम वेतन का भुगतान करने के लिए जुटाए गए धन का उपयोग करने में असमर्थ हैं।

फंडिंग

कंपनी ने हाल ही में राइट इश्यू के जरिए फंड जुटाया है। हालांकि इसको लेकर भी विवाद देखने को मिल रहा है।  बायजूस के निवेशकों प्रोसस एनवी, पीक एक्सवी पार्टनर्स, जनरल अटलांटिक और सोफिना एसए ने 225 मिलियन डॉलर के पोस्ट-मनी वैल्यूएशन पर 200 मिलियन डॉलर जुटाने के कंपनी के फैसले का विरोध किया है, जो कि कंपनी के पिछले फंडिंग राउंड से 99 प्रतिशत कम है। पिछला फंडिंग राउंड 22 बिलियन डॉलर के वैल्यूएशन पर हुआ था।


बोर्ड से हटाने के लिए मतदान

वहीं हाल ही में 23 फरवरी को बायजूस के शेयरधारकों ने एक बैठक की थी और स्टार्टअप में कथित कुप्रबंधन और विफलताओं को लेकर संस्थापक-सीईओ रवींद्रन और उनके परिवार को बोर्ड से हटाने के लिए सर्वसम्मति से मतदान किया था। हालांकि कंपनी ने पलटवार करते हुए संस्थापकों की अनुपस्थिति में अमान्य और अप्रभावी के रूप में मतदान रद्द कर दिया।

किया खंडन

निवेशकों के करीबी सूत्रों ने कहा था कि 60 प्रतिशत से अधिक शेयरधारकों ने एजीएम में सभी सात प्रस्तावों के पक्ष में मतदान किया, जिसमें मौजूदा प्रबंधन को हटाना, बोर्ड का पुनर्गठन और अधिग्रहणों की तीसरे पक्ष की फोरेंसिक जांच शामिल थी। वहीं निवेशकों के दावों का खंडन करते हुए बायजू के करीबी सूत्रों ने यह संख्या 47 प्रतिशत बताई थी।

कई मामलों का करना पड़ा सामना

बता दें कि पिछले एक साल में एडटेक फर्म को अन्य असफलताओं का सामना करना पड़ा, जिसमें इसके ऑडिटर का इस्तीफा, ऋणदाताओं के जरिए एक होल्डिंग कंपनी के खिलाफ दिवालियापन की कार्यवाही शुरू करना और ऋण की शर्तों और पुनर्भुगतान पर विवाद करने वाला अमेरिकी मुकदमा शामिल है।

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