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Byju's के फाउंडर ने कहा, भागकर नहीं आया दुबई, भारत आकर फिर से भरूंगा स्टेडियम

बायजूज के फाउंडर बायजू रवींद्रन ने दुबई में अपने प्रवास को लेकर चल रही चर्चाओं पर सफाई पेश की है। रवींद्रन ने कहा कि वह अपने एडुटेक ब्रांड को फिर से मजबूत बनाना चाहते हैं, जिसे हाल के वर्षों में काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। उन्होंने पिछले चार वर्षों की अपनी पहली वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'लोगों को लगता है कि मैं मुश्किलों की वजह से दुबई भाग आया। यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। मैं अपने पिताजी के इलाज के लिए दुबई आया था और इसी वजह से यहां टिका हूं। मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि मैं भागकर यहां नहीं आया हूं'

अपडेटेड Oct 18, 2024 पर 10:38 PM
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रवींद्रन ने बायजूज को फिर से मजबूत करने के अपने इरादे को दोहराया है।

बायजूज (Byju's) के फाउंडर बायजू रवींद्रन ने दुबई में अपने प्रवास को लेकर चल रही चर्चाओं पर सफाई पेश की है। रवींद्रन ने कहा कि वह अपने एडुटेक ब्रांड को फिर से मजबूत बनाना चाहते हैं, जिसे हाल के वर्षों में काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। उन्होंने पिछले चार वर्षों की अपनी पहली वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'लोगों को लगता है कि मैं मुश्किलों की वजह से दुबई भाग आया। यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। मैं अपने पिताजी के इलाज के लिए दुबई आया था और इसी वजह से यहां टिका हूं। मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि मैं भागकर यहां नहीं आया हूं।'

रवींद्रन ने बायजूज को फिर से मजबूत करने के अपने इरादे को भी दोहराया। उन्होंने कहा, ' मैं भारत आऊंगा और स्टेडियम को भरूंगा। अभी टाइमिंग के बारे में फैसला नहीं किया गया है, लेकिन यह जल्द होगा।' उन्होंने संकेत दिए कि ब्रांड को नए फॉर्म में फिर से मजबूत किया जाएगा। रवींद्रन का कहना था, ' मुझे इस बात की चिंता नहीं है कि क्या आदेश आएगा। आदेश जो भी होगा, हम उसमें रास्ता निकालेंगे।'

बायजूज कभी ग्लोबल निवेशकों की पसंदीदा कंपनी हुआ करती थी और 2022 में इसका वैल्यूएशन 22 अरब डॉलर आंका गया था। हालांकि, कंपनी अब विवादों में घिर गई है और उसके पास भारत और अमेरिका की अदालतों में 1 अरब डॉलर से ज्यादा कर्ज का भुगतान नहीं होने के मामले लंबित हैं। बायजूज के खिलाफ इंसॉल्वेंसी की कार्यवाही जून 2024 में शुरू हुई थी, जब भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने कंपनी पर 158.9 करोड़ रुपये के डिफॉल्ट का आरोप लगाया था। इसके बाद दोनों के बीच हुए समझौते को लेकर अमेरिकी फाइनेंशियल क्रेडिटर ग्लास ट्रस्ट ने आपत्ति जताई थी।


सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर 2024 में उस याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसमें नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्राइब्यूनल (NCLAT) के फैसले को चुनौती दी गई थी। NCLAT ने अपने इस फैसले में BCCI और बायजूज के बीच हुए समझौते पर मुहर लगा दी थी।

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