इनवेस्टमेंट फर्म एवरसोर्स कैपिटल, इलेक्ट्रिक राइड-हेलिंग प्लेटफॉर्म ब्लूस्मार्ट (BluSmart) को खरीदने के लिए एडवांस्ड लेवल की बातचीत में है। CNBC-TV18 को सोर्सेज से पता चला है कि कंपनी ने ब्लूस्मार्ट का अधिग्रहण करने के लिए लगभग 850 करोड़ रुपये का नॉन बाइंडिंग ऑफर दिया है। ब्लूस्मार्ट को जेनसोल इंजीनियरिंग के फाउंडर्स अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी ने पुनीत के गोयल के साथ 2019 में शुरू किया था। जेनसोल इंजीनियरिंग पर SEBI की जांच के बाद सामने आए नतीजों की आग में ब्लूस्मार्ट भी झुलस रही है।
15 अप्रैल को जारी अंतरिम आदेश में SEBI ने जेनसोल इंजीनियरिंग पर पैसों को डायवर्ट करने, कर्ज का गलत इस्तेमाल करने और संबंधित पक्षों के माध्यम से अपने स्टॉक में ट्रेड को फाइनेंस करने का आरोप लगाया। जेनसोल पर आरोप है कि उसने ईवी खरीद के लिए 200 करोड़ रुपये से अधिक की राशि डायवर्ट की। कंपनी के प्रमोटर्स अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी ने राइड हेलिंग स्टार्टअप ब्लूस्मार्ट के लिए नए इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने के लिए लिए गए लोन को अपने निजी हित के लिए इस्तेमाल किया, जैसे कि गुरुग्राम में लग्जरी अपार्टमेंट की खरीद।
सेबी ने आरोप लगाया है कि जेनसोल इंजीनियरिंग से पैसे को प्राइवेट प्रमोटर एंटिटीज और प्रमोटर्स को ट्रांसफर किया गया। जेनसोल के प्रमोटर्स पर जेनसोल के शेयरों में ट्रेड करने के लिए एक प्राइवेट एंटिटी वेलरे का इस्तेमाल करेन और इसके लिए उसे फंड मुहैया कराने का भी आरोप है।
कई शहरों में बंद है BluSmart की सर्विस
ब्लूस्मार्ट ने पहले ही कई शहरों में सर्विस बंद कर दी है। सूत्रों का कहना है कि संभावित सौदे के हिस्से के रूप में, ब्लूस्मार्ट के को-फाउंडर अनमोल जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी को कंपनी के बोर्ड में अपनी भूमिकाओं से हटने के लिए कहा जा सकता है। एवरसोर्स सौदे पर फाइनल घोषणा अगले दो हफ्तों के अंदर की जा सकती है।
ब्लूस्मार्ट ने पिछले फंडिंग राउंड में बीपी वेंचर्स, स्ट्राइड वेंचर्स, पैंथेरा कैपिटल, सुमंत सिन्हा, एमएस धोनी और दीपिका पादुकोण सहित हाई-प्रोफाइल निवेशकों से फंड जुटाया था। भारतपे के पूर्व को-फाउंडर अशनीर ग्रोवर का कहना है कि उनका भी इस स्टार्टअप में निवेश है।
जेनसोल मामले में कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने भी शुरू की जांच
सूत्रों से CNBC-TV18 को यह भी पता चला है कि कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने जेनसोल इलेक्ट्रिक में कथित अनियमितताओं की खुद से जांच शुरू की है। जांच में कंपनी की रेगुलेटरी फाइलिंग और वित्तीय रिकॉर्ड्स का रिव्यू शामिल होगा। आगे की कोई भी कार्रवाई इस जांच के नतीजे पर निर्भर करेगी।