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PhonePe का रेवेन्यू FY24 में 73% बढ़ा, डेटा लोकलाइजेशन पर किया ₹2,800 करोड़ खर्च

दिग्गज फिनेटक कंपनी फोनपे (PhonePe) ने देश भर में अपने इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार करने और डेटा सेंटर लगाने के लिए 2,800 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है। कंपनी ने 21 अक्टूबर को दाखिल अपनी सालाना रिपोर्ट में बताया कि यह निवेश हार्डवेयर इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए किया गया है

अपडेटेड Oct 22, 2024 पर 9:50 AM
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FY24 में PhonePe का रेवेन्यू 73 फीसदी बढ़कर 5,064 करोड़ रुपये पर पहुंच गया

दिग्गज फिनेटक कंपनी फोनपे (PhonePe) ने देश भर में अपने इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार करने और डेटा सेंटर लगाने के लिए 2,800 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है। कंपनी ने 21 अक्टूबर को दाखिल अपनी सालाना रिपोर्ट में बताया कि यह निवेश हार्डवेयर इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए किया गया है, ताकि कंपनी अपने बढ़ते कारोबार का सपोर्ट कर सके। सालाना रिपोर्ट के अनुसार, PhonePe का यह निवेश डेटा लोकलाइजेशन के सख्त नियमों का पालन करने की क्षमता को बढ़ाने के साथ-साथ कंपनी के इंफ्रास्ट्रक्चर लागतों को भी कम करने का प्रयास है।

रिपोर्ट में कहा गया है, "खुद के हार्डवेयर इंफ्रास्ट्रक्चर को बनाने और संचालन के कई अन्य लाभ भी हैं, जैसे कि वित्तीय नियामकों के डेटा लोकलाइजेशन नियमों का आसानी से पालन और बड़े पैमाने पर लागतों को नियंत्रण में रखना।"

PhonePe ने खुलासा किया कि उसके पास भारत में तीन डेटा सेंटर्स हैं, जो लगभग 7 लाख कोर का प्रबंधन करते हैं। इसका मतलब यह है कि कंपनी अहम इंफ्रास्ट्रक्चर के मैनेजमेंट के मामले में आत्मनिर्भरता की दिशा में बढ़ रही है, जो न केवल इसके कारोबारी की क्षमता को बढ़ाता है, बल्कि इसके इंफ्रास्ट्रक्चर को सुरक्षित भी बनाती है।


यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब भारतीय डेटा सेंटर इंडस्ट्री भी बड़े बदलावों का सामना कर रही है। Avendus Capital की एक रिपोर्ट के अनुसार, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) से जुड़े ग्राहकों की बढ़ती मांग के कारण अगले 4 सालों में डेटा सेंटर की क्षमता में 500 मेगावाट की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि यह सेक्टर 2019 में 540 मेगावाट से बढ़कर 2023 में लगभग 1,011 मेगावाट तक पहुंच गया है, जिससे भारत ग्लोबल स्तर पर सबसे तेजी से बढ़ते डेटा सेंटर बाजारों में से एक बन गया है।

PhonePe की सालाना रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पिछले 5 सालों में कंपनी ने अपने कस्टमर सपोर्ट स्टाफ को 60% तक कम कर दिया है। जहां पहले 1,100 एजेंट थे, वहीं अब यह संख्या घटकर 400 रह गई है, और यह कमी AI चैटबॉट्स के इस्तेमाल के कारण संभव हो पाई है। इसके साथ ही, FY18-19 से FY23-24 के बीच कंपनी के लेनदेन में 40 गुना की ग्रोथ दर्ज की गई है।

वित्तीय प्रदर्शन की बात करें तो, FY24 में PhonePe का रेवेन्यू सालाना आधार पर 73 फीसदी बढ़कर 5,064 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो इसके पिछले वित्तीय वर्ष में 2,914 करोड़ रुपये थी। इसके अलावा, PhonePe ग्रुप का एडजस्टेट शुद्ध मुनाफा (PAT) भी पॉजिटिव हो गया है। पिछले साल के 738 करोड़ रुपये के नुकसान से उबरकर यह इस साल ₹197 करोड़ के मुनाफे में बदल गया है।

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Moneycontrol News

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First Published: Oct 22, 2024 9:42 AM

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