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Startup News: BHIM बनाने वाली Juspay का बड़ा निशाना, बनेगी साल 2025 की पहली यूनिकॉर्न?

Startup News: जब नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) खुद के लिए एक UPI (यूनीफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) ऐप बना रही थी तो इसने BHIM डेवलप करने के लिए जस्पे (Juspay) से संपर्क किया था। अब जस्पे इस साल 2025 का पहला यूनिकॉर्न बनने की राह पर है। चेक करें कि फिनटेक इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी जस्पे कितना फंड जुटा रही है और इसकी सेहत कैसी है?

अपडेटेड Jan 27, 2025 पर 11:28 AM
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Startup News: फिनटेक इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी जस्पे (Juspay) इस साल 2025 का पहला यूनिकॉर्न बनने की राह पर है। यह 100 करोड़ डॉलर के वैल्यूशन पर यह फंड जुटा रही है।

Startup News: फिनटेक इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी जस्पे (Juspay) इस साल 2025 का पहला यूनिकॉर्न बनने की राह पर है। मनीकंट्रोल को सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि यह 100 करोड़ डॉलर के वैल्यूशन पर यह फंड जुटा रही है। यूनिकॉर्न ऐसे स्टार्टअप को कहा जाता है जिनका वैल्यूएशन 100 करोड़ डॉलर से अधिक होता है। जानकारी के मुताबिक केदारा कैपिटल की अगुवाई में फंडिंग राउंड में यह 15 करोड़ डॉलर जुटाने की कोशिश में है। सूत्रों के मुताबिक इसमें वेस्टब्रिज और सॉफ्टबैंक भी हिस्सा ले सकते हैं।

अब तक जुटा चुकी है $23.7 करोड़

जस्पे ऐसे समय में फंड जुटा रही है जब पेमेंट्स स्पेस में कॉम्पटीशन बढ़ रहा है। इससे पहले कंपनी ने वर्ष 2021 में सीरीज सी फंडिंग राउंड में सॉफ्टबैंक विजन फंड 2 की अगुवाई में मौजूदा निवेशकों वीईएफ और वेलिंगटन मैनेजमेंट से 6 करोड़ डॉलर जुटाए थे। कंपनी अब तक फंडिंग के जरिए 23.7 करोड़ डॉलर जुटा चुकी है।

Juspay के बारे में


जस्पे को करीब 13 साल पहले वर्ष 2012 में विमल कुमार और शीतल ललवानी ने शुरू किया था। यह पेमेंट ऑर्केस्ट्रेशन सॉफ्टवेयर मुहैया कराती है। जब नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) खुद के लिए एक UPI (यूनीफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) ऐप बना रही थी तो इसने BHIM डेवलप करने के लिए जस्पे से संपर्क किया था। इसके ओटीपी रीड सॉफ्टवेयर ने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के मोबाइल ऐप के जरिए चेकआउट को काफी आसान बना दिया है। अभी भी यह कई यूपीआई ऐप के साथ मिलकर काम कर रही है। फरवरी 2024 में इसे केंद्रीय बैंक RBI से पेमेंट एग्रीगेटर (PA) के तौर पर काम करने की मंजूरी मिली।

कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें तो वित्त वर्ष 2024 में इसका ऑपरेटिंग रेवेन्यू करीब 50 फीसदी बढ़ गया। सॉफ्टबैंक के निवेश वाली इस कंपनी का वित्त वर्ष 2024 में रेवेन्यू सालाना आधार पर 49.6 फीसदी उछलकर ₹319.32 करोड़ पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी का घाटा भी 10 फीसदी कम हुआ।

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First Published: Jan 27, 2025 11:18 AM

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