प्रमुख वेंचर कैपिटलिस्ट (Venture Capitalist) टीवी मोहनदास पई (TV Mohandas Pai) का मानना है कि खराब गवर्नेंस (bad governance) और भ्रष्टाचार (Corruption) की वजह से बेंगलुरु अपनी संभावनाओं का पूरा इस्तेमाल नहीं कर पा रहा है। उन्होंने कहा कि तमाम दिक्कतो के बावजूद यह देश की स्टार्टअप राजधानी बनी हुई है। उन्होंने कहा कि कमजोर इंफ्रास्ट्रक्चर और खराब ट्रैफिक का असर बेंगलुरु की ग्रोथ पर पड़ रहा है। उन्होंने बेंगलुरु से जुड़े कई मसलों के बारे में मनीकंट्रोल से खुलकर बातचीत की।
पई ने कहा कि बेंगलुरु के साथ सबसे बड़ी समस्या यह है कि इसका गवर्नेंस ठीक नहीं है। हर शहर में गवर्नेंस का सही सिस्टम होना चाहिए, जिसमें हर व्यक्ति अपने प्रतिनिधि तक अपनी बातें पहुंचा सके। इससे जीवन स्तर बेहतर होता है। इंडिया में थ्री टियर गवर्नेंस सिस्टम है। इसमें सरकार, सिटी और पंचायत शामिल हैं। सरकार और पंचायत के गवर्नेंस में तो सुधार आया है, लेकिन सिटी के मामले में सुधार नहीं हुआ है।
उन्होंने कहा कि अहमदाबाद, चेन्नई और मुंबई को छोड़ बाकी शहरों में सिटी गवर्नेंस की स्थिति ठीक नहीं है। बेगंलुरु की सिटी काउंसिल में 200 प्रतिनिधि हैं। लेकिन उनके पास गवर्नेंस के लिए पर्याप्त अधिकार नहीं हैं। सिटी के गवर्नेंस पर कुछ रियल एस्टेट ब्रोकर्स ने कब्जा कर लिया है, जो कॉर्पोरेटर्स बन गए हैं। भ्रष्टाचार ने सिस्टम में गहरी जड़ें बना ली है।
पई ने कहा कि राज्य सरकार बेंगलुरु के लिए फुल-टाइम मेयर की नियुक्ति नहीं करना चाहती है, क्योंकि ऐसा व्यक्ति बहुत पावरफुल बन सकता है। वह चीफ मिनिस्टर जितना पावरफुल बन सकता है क्योंकि कर्नाटक की जीडीपी में बेंगलुरु का बड़ा योगदान है।
यह पूछने पर कि क्या सिटी के इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने में नेताओं की दिलचस्पी नहीं है, उन्होंने कहा कि बेंगलुरु ऐसा समृद्ध शहर है जहां के रियल एस्टेट में ज्याादतर नेताओं का निवेश है। फिर खराब सड़कों की क्या वजह है? नेता सिर्फ वादे करते हैं। मुख्यमंत्री रह चुके एचडी कुमारस्वामी और बीएस येदुरप्पा जैसे नेता बेंगलुरु में रहते हैं, लेकिन उनका राजनीतिक आधार बेंगलुरु से बाहर है। सिर्फ एसएम कृष्णा ने बेंगलुरु के लिए कुछ किया था, जब वह मुख्यमंत्री थे।
पई ने कहा कि भ्रष्ट लोगों को बेनकाब करना बहुत जरूरी है। कर्नाटक में कानून का शासन नहीं रह गया है। घूस लेते हुए लोग पकड़े जाते हैं। लेकिन, कितने लोगों को सजा होती है? रोड से लेकर पुल तक सभी प्रोजेक्ट्स के काम देरी से चल रहे हैं। ये प्रोजेक्ट्स पैसे बनाने के जरिया बन गए हैं।
उन्होंने कहा कि बेंगलुरु के खराब इंफ्रास्ट्रक्चर की वजह गवर्नेंस का अभाव है। खराब प्लानिंग की वजह से मोबिलिटी एक समस्या बनी हुई है। कई तरह की समस्याओं के बावजूद बेंगलुरु में कई खूबियां हैं। यहां सबसे अच्छा टेक्नोलॉजी टैलेंट है, आधुनिक इंडस्ट्री है, बहुत अच्छा एयरपोर्ट है और कई बेहतर संस्थान हैं। उन्होंने कहा कि समय आ गया है कि लोगों को सड़कों पर उतर कर विरोध जताना चाहिए। उन्हें गवर्नेंस में सुधार की मांग करनी चाहिए।