ऑनलाइन ब्रोकिंग प्लेटफॉर्म जीरोधा (Zerodha) का लक्ष्य अगले दशक में एक फुल फ्लेज्ड फाइनेंशियल सर्विसेज समूह में तब्दील होने का है। कंपनी के सीईओ नितिन कामत ने एक बार फिर इस महत्वाकांक्षा को कनफर्म किया है। उन्होंने यह बात CNBC-TV18 के साथ एक इंटरव्यू में कही। इतना ही नहीं जीरोधा बैंकिंग लाइसेंस हासिल करने के बाद बैंकिंग सेगमेंट में भी एंट्री करने वाली है। जीरोधा इस लाइसेंस के लिए उम्मीद नहीं छोड़ेगी।
कामत मोंटे कार्लो में EY वर्ल्ड एंटरप्रेन्योर ऑफ द ईयर अवॉर्ड्स 2025 में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। वह फाइनलिस्ट्स में शामिल हैं। लो मार्जिन, हाई वॉल्यूम की रणनीति के माध्यम से भारत के ब्रोकरेज उद्योग को नया रूप देने में भूमिका के लिए नितिन कामत को इस साल मार्च में EY एंटरप्रेन्योर ऑफ द ईयर 2024 के तौर पर नॉमिनेट किया गया था। 2010 में शुरू हुई जीरोधा के अब 1.8 करोड़ ग्राहक हैं। इसने खुद को लेंडिंग, एसेट मैनेजमेंट और इंश्योरेंस में डायवर्सिफाई किया है।
IPO पर क्या है जीरोधा का प्लान
जीरोधा की कॉम्पिटीटर ग्रो की पेरेंट कंपनी बिलियनब्रेन्स गैराज वेंचर्स ने IPO के लिए कैपिटल मार्केट रेगुलेटर सेबी के पास कॉन्फिडेंशियल रूट से ड्राफ्ट पेपर जमा कर दिए हैं। IPO का साइज 70 करोड़ डॉलर से 1 अरब डॉलर के बीच हो सकता है। नितिन कामत से जब जीरोधा IPO पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि कंपनी के पास वह सब करने के लिए पर्याप्त कैश है, जो वे करना चाहते हैं। इसलिए IPO की कोई जरूरत नहीं है। कामत के मुताबिक, "हमारा मानना है कि IPO लाने का कोई कारण नहीं है। हमारे जैसी कंपनी के लिए एक्सचेंजों पर लिस्ट होना कठिन है।"
इससे पहले भी कामत कह चुके हैं कि जीरोधा का पब्लिक होने का कोई प्लान नहीं है क्योंकि इसे फंड की जरूरत नहीं है। साथ ही कंपनी, लिस्टिंग के साथ आने वाली अतिरिक्त जांच से बचना चाहती है। कामत ने यह भी बताया कि जीरोधा प्राइवेट बने रहने का इरादा रखती है क्योंकि इसका बिजनेस मॉडल और ऑपरेशनल स्टाइल पब्लिक मार्केट्स की मांगों से मेल नहीं खाती है।
वित्त वर्ष 2026 के अंत तक ₹10000 करोड़ का रेवेन्यू जनरेट करने का लक्ष्य
कामत ने यह भी कहा है कि Zerodha के ब्रोकिंग बिजनेस में 10 से 20 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है। यह इसके नियर टर्म बिजनेस आउटलुक का हिस्सा है। चालू वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में बाजार गतिविधि में मंदी को कामत ने इस संभावित गिरावट का कारण बताया है। इसके बावजूद जीरोधा अपनी ब्रोकरेज दरों में बदलाव किए बिना वित्त वर्ष 2026 के अंत तक 10,000 करोड़ रुपये का रेवेन्यू जनरेट करने का लक्ष्य लेकर चल रही है।