Tata Steel लौह अयस्क की जरूरतों के लिए NMDC, OMC से कर रही है बातचीत, जानिए डिटेल

Tata Steel के उपाध्यक्ष (रॉ मेटरियल) डी बी सुंदर रामम ने बताया कि कंपनी कच्चे माल की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपनी रणनीति के तहत कलमंग वेस्ट और गंदालपाड़ा नामक दो नई लौह खदानों में भी कामकाज शुरू करेगी। वर्तमान में, टाटा स्टील लौह अयस्क की अपनी पूरी मांग को ओडिशा और झारखंड में कंपनी द्वारा संचालित छह लौह अयस्क खदानों से पूरा करती है

अपडेटेड Dec 15, 2024 पर 2:43 PM
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टाटा स्टील (Tata Steel) ने भविष्य में लौह अयस्क की जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकारी माइनिंग कंपनियों NMDC और ओडिशा माइनिंग कॉरपोरेशन (OMC) के साथ बातचीत शुरू की है।

टाटा स्टील (Tata Steel) ने भविष्य में लौह अयस्क की जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकारी माइनिंग कंपनियों NMDC और ओडिशा माइनिंग कॉरपोरेशन (OMC) के साथ बातचीत शुरू की है। इसकी वजह यह है कि कंपनी अपनी डोमेस्टिक स्टील मैन्युफैक्चरिंग कैपिसिटी बढ़ा रही है। टाटा स्टील के शेयरों में बीते शुक्रवार को 1.26 फीसदी की गिरावट देखी गई और यह स्टॉक BSE पर 148.95 रुपये के भाव पर बंद हुआ है। कंपनी का मार्केट कैप 1.85 लाख करोड़ रुपये है।

Tata Steel के उपाध्यक्ष का बयान

टाटा स्टील के उपाध्यक्ष (रॉ मेटरियल) डी बी सुंदर रामम ने बताया कि कंपनी कच्चे माल की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपनी रणनीति के तहत कलमंग वेस्ट और गंदालपाड़ा नामक दो नई लौह खदानों में भी कामकाज शुरू करेगी। वर्तमान में, टाटा स्टील लौह अयस्क की अपनी पूरी मांग को ओडिशा और झारखंड में कंपनी द्वारा संचालित छह लौह अयस्क खदानों से पूरा करती है। लौह अयस्क स्टील की मैन्युफैक्चरिंग में इस्तेमाल होने वाला अहम कच्चा माल है।


रामम ने कहा कि कच्चे माल की योजना इसलिए बनाई गई है क्योंकि चार खदानों – नोवामुंडी लौह अयस्क खदान (1925 से संचालित), काटामाटी और खोंडबोंड (1933 से) और जोडा ईस्ट (1956) की लीज मार्च 2030 में समाप्त हो रही है। वहीं दो अन्य खदानें NINL (मिथिरदा) और विजय-दो ऑपरेशनल बनी रहेंगी। उन्होंने बताया कि ये खानें NINL प्लांट और उषा मार्टिन के स्टील बिजनेस के अधिग्रहण के साथ आई है।

रामम से जब लौह अयस्क की सप्लाई के लिए कंपनी के प्लान के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, ‘‘हमारी योजना तैयार है।’’ कंपनी अपनी घरेलू इस्पात उत्पादन क्षमता को मौजूदा के 2.2 करोड़ टन सालाना से बढ़ाकर 2030 तक चार करोड़ टन करना चाहती है।

चालू वित्त वर्ष में 4.1 करोड़ टन उत्पादन का लक्ष्य

टाटा स्टील ने बीते वित्त वर्ष 2023-24 में 3.8 करोड़ टन लौह अयस्क का उत्पादन किया और चालू वित्त वर्ष में कंपनी की योजना 4.1 करोड़ टन उत्पादन की है। कंपनी को चार करोड़ टन इस्पात उत्पादन के लक्ष्य के लिए छह करोड़ टन लौह अयस्क की जरूरत होगी। योजना के बारे में बताते हुए रामम ने कहा कि कंपनी चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में कलमंग लौह अयस्क खदान और 2029 तक गंडालपाड़ा में कामकाज शुरू करना चाहती है, क्योंकि उसके बाद चार खदानें नीलामी के लिए जाएंगी।

उन्होंने कहा, "अभी यह तय नहीं है कि हमें ये खदानें मिलेंगी। यही वजह है कि हम वित्त वर्ष 2028-29 में गंडालपाड़ा में उत्पादन शुरू करने जा रहे हैं। ताकि जब अन्य खदानें नीलामी में हों और शायद कुछ बदलाव हो, तो उस समय यह खदान एक करोड़ टन का उत्पादन करेगी।" उन्होंने बताया कि कलमंग और गंडालपाड़ा खदानों का कुल अनुमानित भंडार 40 करोड़ टन के करीब होगा।

MoneyControl News

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First Published: Dec 15, 2024 2:43 PM

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