टाटा ट्रस्ट्स ने चेयरमैन नोएल टाटा के बेटे नेविल टाटा और टाटा ग्रुप से लंबे समय से जुड़े रहे भास्कर भट को सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट (एसडीटीटी) के बोर्ड में शामिल किया है। इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। 11 नवंबर को एसडीटीडी के बोर्ड की मीटिंग हुई। इसमें ट्रस्टीज ने वेणु श्रीनिवासन के कार्यकाल में संशोधन के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी।
श्रीनिवासन का कार्यकाल अब आजीवन नहीं होगा
श्रीनिवासन का कार्यकाल अब आजीवन नहीं होगा। वह तीन साल के लिए ट्रस्टी होंगे। ऐसा महाराष्ट्र सरकार के उस नियम को ध्यान में रखकर किया गया है, जिसमें आजीवन ट्रस्टीज की संख्या सीमित कर दी गई है। इसका असर टाटा ट्रस्ट्स के गवर्नेंस फ्रेमवर्क पर पड़ सकता है।
टाटा समूह में नेविल टाटा की पोजीशन मजबूत होगी
ईटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि 11 नवंबर को टाटा ट्रस्ट्स के फैसले से टाटा समूह में नेविल टाटा की पोजीशन मजबूत होगी। नेविल 32 साल के है। उन्होंने लंदन के बेयस बिजनेस स्कूल (Bayes Business School) से ग्रेजुएशन किया है। उन्होंने 2016 में ट्रेंट में काम करना शुरू किया था। शुरुआत में उन पर फूड्स एंड बेवरेजेज वर्टिकल की जिम्मेदारी थी।
नेविट टाटा को एसआरटीटी में शामिल किया जा सकता है
नेविल ने बाद में जूडियो की कमान संभाली। यह ट्रेंट का फैशन ब्रांड है, जिसकी ग्रोथ काफी अच्छी है। नेविल टाटा अभी जेआरडी टाटा ट्रस्ट, टाटा सोशल वेल्फेयर ट्रस्ट और आरडी टाटा ट्रस्ट के बोर्ड में हैं। उन्हें सर रतन टाटा ट्रस्ट (एसआरटीटी) के बोर्ड में भी शामिल किया जा सकता है। एसआरटीटी और एसडीटी की टाटा संस में कंबाइंड 51 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी है।
भट 2002 से 2019 तक टाइटन के एमडी रहे
71 साल के भास्कर भट ने आईआईटी-मद्रास और आईआईएम-अहमदाबाद से पढ़ाई की है। उन्होंने 1978 में गोदरेज एंड बॉयस से अपना करियर शुरू किया था। बाद में वह टाटा वॉच प्रोजेक्ट में आ गए। यह कंपनी बाद में टाइटन बन गई। वह 2002 से 2019 तक इसके मैनेजिंग डायरेक्टर रहे। उन्होंने टाइटन के पोर्टफोलियो का विस्तार किया।
टाइटन की ग्रोथ में भट की लीडरशिप का बड़ा हाथ
भट ने टाइटन के पोर्टफोलियो में चश्मा, ज्वेलरी, फ्रैगरेंसेज, एक्सेसरीज और साड़ी जैसे प्रोडक्ट्स शामिल किए। टाइटन का मार्केट कैपिटलाइजेशन करीब 13 अरब डॉलर हो गया है। यह टाटा समूह की दूसरी सबसे बड़ी लिस्टेड कंपनी बन गई है। इसके स्टोर देशभर में हैं। इसका डिस्ट्रिब्यूशन नेटवर्क काफी स्ट्रॉन्ग है।
1892 में हुई थी टाटा ट्रस्ट्स की स्थापना
टाटा ट्रस्ट्स की स्थापना 1892 में हुई थी। यह परोपकार से जुड़ी इंडिया की सबसे पुरानी और एशिया की सबसे बड़ी संस्थाओं में से एक है। टाटा ट्रस्ट्स हेल्थकेयर, न्यूट्रिशन, एजुकेशन, वाटर, सैनिटेशन सहित कई क्षेत्रों में सक्रिय है।