रिजर्व बैंक ने 4 दिसंबर को यूपीआई लाइट वॉलेट की सीमा बढ़ाकर 5,000 रुपये और इससे जुड़े प्रति ट्रांजैक्शन सीमा बढ़ाकर 1,000 रुपये कर दी। इस बढ़ोतरी का मकसद मोबाइल फोन के जरिये इस पॉपुलर इंस्टैंट पेमेंट सिस्टम को प्रोत्साहित करना है। यूपीआई लाइट ट्रांजैक्शंस इस हद तक ऑफलाइन हैं कि इसमें एडिशन फैक्टर ऑफ ऑथेंटिकेशन (AFA) की जरूरत नहीं है और ट्रांजैक्शन अलर्ट रियल टाइम में नहीं भेजे जाते हैं।
फिलहाल ऑफलाइन पेमेंट ट्रांजैक्शन की ऊपरी सीमा 500 रुपये है और पेमेंट इंस्ट्रूमेंट पर ऑफलाइन ट्रांजैक्शंस की कुल लिमिट 2,000 रुपये है। रिजर्व बैंक ने जनवरी 2022 में जारी फ्रेमवर्क में 4 दिसंबर 2024 को संशोधन किया, जिसका मकसद कम रकम वाले ऑफलाइन पेमेंट के लिए डिजिट सुविधा प्रदान करना है।
इस सिलसिले में रिजर्व बैंक की तरफ से जारी सर्कुलर में कहा गया है, यूपीआई लिमिट के लिए बढ़ी हुई लिमिट 1,000 रुपये प्रति ट्रांजैक्शन है, जबकि कुल लिमिट किसी भी समय 5,000 रुपये होगी।‘ केंद्रीय बैंक ने इस साल अक्टूबर में इस सिलसिले में ऐलान किया था। ऑफलाइन पेमेंट का मतलब ऐसे ट्रांजैक्शन से है, जिसे अंजाम देने के लिए इंटरनेट या टेलीकॉम कनेक्टिविटी की जरूरत नहीं होती है।
UPI Lite वॉलेट यूजर्स को UPI पिन की जरूरत के बिना छोटे मूल्य के ट्रांजैक्शन करने का सुविधाजनक तरीका प्रदान करता है। फिलहाल, यूजर्स को पेमेंट करने के लिए अपने बैंक खाते से अपने वॉलेट बैलेंस को मैन्युअल रूप से रिचार्ज करना होता है। हालांकि, नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा डेवलप नई ऑटो-टॉप-अप सुविधा, इस प्रक्रिया को आसान बनाने और मैन्युअल रिचार्ज की जरूरत को खत्म करने के लिए है। यूपीआई लाइट वॉलेट की लिमिट बढ़ने से कम मूल्य के ऑफलाइन डिजिटल लेनदेन बढ़ने की उम्मीद है।