Vodafone Idea: देश की तीसरी सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया ने देश के 17 सर्किलों में अगस्त 2025 तक 5G सेवाएं शुरू करने की योजना बनाई है। हालांकि, इसके लिए कंपनी को बड़े पैमाने पर फंडिंग की जरूरत है। कंपनी के CEO अक्षय मूंदरा ने Q4 नतीजों के बाद कहा कि रणनीतिक पहलों को आगे बढ़ाने के लिए लेंडर्स से कर्ज पर सक्रिय बातचीत चल रही है।
मूंदरा ने निवेशकों के साथ बातचीत में कहा, “हम जरूरी कर्ज के लिए बैंकों के साथ लगातार बातचीत कर रहे हैं।” उन्होंने यह भी माना कि फिलहाल कंपनी की सबसे बड़ी जरूरत फंडिंग और टैरिफ में बढ़ोतरी है।
वोडाफोन आइडिया पहले ही रिलायंस जियो और भारती एयरटेल के मुकाबले 5G रोलआउट में पीछे चल रही है। दोनों प्रतिद्वंद्वी राष्ट्रीय स्तर पर 5G सेवाएं लॉन्च कर चुके हैं। ऐसे में वोडाफोन आइडिया के लिए तकनीकी अंतर को पाटना और बाजार हिस्सेदारी बचाए रखना बेहद जरूरी हो गया है।
₹20,000 करोड़ जुटाने की तैयारी
30 मई को स्टॉक एक्सचेंज को दी गई फाइलिंग में वोडाफोन आइडिया ने बताया कि उसके बोर्ड ने ₹20,000 करोड़ तक की पूंजी जुटाने को मंजूरी दी है। यह रकम फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (FPO), प्राइवेट प्लेसमेंट या अन्य वैध विकल्पों के जरिए जुटाई जा सकती है।
घाटा जारी, लेकिन ARPU में सुधार
वोडाफोन आइडिया को मार्च 2025 तिमाही में ₹7,166.1 करोड़ का शुद्ध घाटा हुआ है। यह आंकड़ा साल भर पहले ₹7,674.6 करोड़ से थोड़ा बेहतर जरूर है, लेकिन पिछली तिमाही के ₹6,609.3 करोड़ की तुलना में घाटा बढ़ा है।
हालांकि, रेवेन्यू में हल्की बढ़त दर्ज की गई है। तिमाही आय सालाना आधार पर 3.8% बढ़कर ₹11,013.5 करोड़ रही। इसके पीछे पहले की गई टैरिफ बढ़ोतरी और प्रीमियम ग्राहकों की ओर झुकाव अहम कारण रहे। कंपनी का औसत प्रति यूजर राजस्व (ARPU) 14.2% बढ़कर ₹175 हो गया है।
टैरिफ न बढ़ा तो ROCE पर असर
मूंदरा ने आगाह किया कि भारत में ARPU अब भी वैश्विक स्तर पर सबसे कम है, जिससे टेलीकॉम सेक्टर का मुनाफा प्रभावित हो रहा है। उन्होंने कहा, “जब तक टैरिफ में उचित वृद्धि नहीं होती, तब तक रिटर्न ऑन कैपिटल एम्प्लॉयड (ROCE) लागत से नीचे ही रहेगा।”
वोडाफोन आइडिया ने भरोसा जताया है कि उसे सरकार से जरूरी समर्थन मिलेगा और फंडिंग प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी की जाएगी। साथ ही, कैपिटल रेजिंग कमेटी जल्द ही पूंजी जुटाव का रास्ता तय करेगी।
कंपनी ने यह भी संकेत दिया है कि अगर फंडिंग समय पर मिल जाती है, तो वह ऑपरेटिंग कैश फ्लो (operating cash flows) को मजबूत करने और नेटवर्क विस्तार की दिशा में तेजी से काम कर सकेगी।