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Market Outlook : लाल निशान में बंद हुए सेंसेक्स-निफ्टी, जानिए 3 जून को कैसी रह सकती है इनकी चाल

Stock market : टैरिफ वार और रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ते तनाव के कारण घरेलू बाजार ने लगातार तीसरे सप्ताह कंसोलीडेशन जारी रखा। ग्लोबल अनिश्चितताओं ने निवेशकों को जोखिम से बचने की रणनीति अपनाने के लिए प्रेरित किया है। लेकिन भारतीय बाजार मजबूत संस्थागत निवेश और एफएमसीजी, रियल एस्टेट और फाइनेंशियल जैसे सेक्टरों में आई खरीदारी के बल पर मजबूती से टिके हुए हैं

अपडेटेड Jun 02, 2025 पर 4:29 PM
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Market cues : आरबीआई की तरफ से दरों में कटौती की उम्मीद, बेहतर मानसून, चौथी तिमाही के मजबूत जीडीपी डेटा और बेहतर जीएसटी कलेक्शन जैसे फैक्टर बाजार को सपोर्ट कर रहे हैं

Share markets : 2 जून के भारतीय इक्विटी मार्केट सपाट चाल के साथ कारोबार करता दिखा। उतार-चढ़ाव के बीच निफ्टी 24,700 के करीब बंद हुआ। कारोबारी सत्र के अंत में सेंसेक्स 77.26 अंक या 0.09 फीसदी की गिरावट के साथ 81,373.75 पर और निफ्टी 34.10 अंक या 0.14 फीसदी की गिरावट के साथ 24,716.60 पर बंद हुआ। आज लगभग 2065 शेयरों में बढ़त देखने को मिली।1903 शेयरों में गिरावट आई और 159 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ। अडानी पोर्ट्स, एमएंडएम, इटरनल, टाटा कंज्यूमर और पावर ग्रिड कॉर्प निफ्टी के टॉप गेनर रहे। जबकि हीरो मोटोकॉर्प, टेक महिंद्रा, जेएसडब्ल्यू स्टील, एचडीएफसी लाइफ और टाटा स्टील में गिरावट देखने को मिली।

अलग सेक्टरों की बात करें तो पीएसयू बैंक और रियल्टी में 2 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई,जबकि कंज्यूमर ड्यूरेबल्स,आईटी और मेटल इंडेक्सों में 0.5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। बीएसई मिडकैप इंडेक्स में 0.6 फीसदी तथा स्मॉलकैप इंडेक्स में 0.4 फीसदी की बढ़त हुई।

जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के विनोद नायर का कहना है कि टैरिफ वार और रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ते तनाव के कारण घरेलू बाजार ने लगातार तीसरे सप्ताह कंसोलीडेशन जारी रखा। ग्लोबल अनिश्चितताओं ने निवेशकों को जोखिम से बचने की रणनीति अपनाने के लिए प्रेरित किया है। लेकिन भारतीय बाजार मजबूत संस्थागत निवेश और एफएमसीजी, रियल एस्टेट और फाइनेंशियल जैसे सेक्टरों में आई खरीदारी के बल पर मजबूती से टिके हुए हैं।


आरबीआई की तरफ से दरों में कटौती की उम्मीद, बेहतर मानसून, चौथी तिमाही के मजबूत जीडीपी डेटा और बेहतर जीएसटी कलेक्शन जैसे फैक्टर बाजार को सपोर्ट कर रहे हैं। मौजूदा माहौल में निवेशक घरेलू इकोनॉमी पर निर्भर और ब्याज दरों के प्रति संवेदनशील सक्टरों पर फोकस करते हुए शॉर्ट टर्म में सतर्कता बनाए रखते हुए दांव लगाने की रणनीति अपना सकते हैं।

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रेलिगेयर ब्रोकिंग के अजीत मिश्रा का कहना है कि बाजार के लिए घरेलू संकेत अनुकूल बने हुए हैं, लेकिन ग्लोबल अनिश्चितता परेशान कर रही है। इससे बाजार की दिशा साफ नहीं दिख रही है। इंडेक्सों पर नजर डालें तो इंट्राडे में निफ्टी अपने शॉर्ट टर्म मूविंग एवरेज (20 डीईएमए) से नीचे जाने के बाद वापसी करता दिखा। यह इस बात का संकेत है कि तेजड़िए अपनी पकड़ ढीली करने के लिए तैयार नहीं हैं। इससे रिकवरी की उम्मीदें बनी हुई हैं। इन सबके बीच, चुनिंदा थीमों में आए उछाल और छोटे -मझोले शेयरों की तेजी में ट्रेडिंग के लिए कई अच्छे मौके दिख रहे हैं।

 

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