Pharma companies : फार्मा कंपनियों को मार्केटिंग के नाम पर डॉक्टरों को महंगे गिफ्ट देना अब भारी पड़ने वाला है। सरकार ने सभी फार्मा कंपनियों को पिछले एक साल के मार्केटिंग खर्च का ब्यौरा मांग लिया है। इस खबर पर ज्यादा डिटेल के साथ सीएनबीसी-आवाज़ के आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि डॉक्टर को गिफ्ट देना फार्मा कंपनियों के लिए महंगा पड़ेगा। सूत्रों के मुताबिक अब मार्केटिंग के नाम पर डॉक्टरों को महंगे गिफ्ट देना महंगा पड़ेगा। डॉक्टरों को फ्रीबीज देने वाली फार्मा कंपनियों पर सख्ती होगी।
सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक सरकार ने फार्मा कंपनियों को 1 साल का मार्केटिंग खर्च बताने को कहा है। फार्मा कंपनियों के 31 जुलाई तक मार्केटिंग खर्च का ब्यौरा देना होगा। आदेश नहीं मानने वाली फार्मा कंपनियों पर सख्त कार्रवाई संभव है। बता दें कि फार्मा कंपनियां अक्सर डॉक्टरों को सम्मेलनों, सेमिनारों, कार्यशालाओं में भाग लेने के लिए तमाम फ्रीबीज देती हैं।
इस पर रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से फार्मा कंपनियों के खिलाफ पहले ही सख्त कदम उठाए गए हैं। केंद्र सरकार ने फार्मास्युटिकल मार्केटिंग प्रैक्टिसों (UCPMP) के लिए एक समान संहिता का नोटिफिकेशन जारी किया है। इस नोटिफिकेशन के अनुसार सरकार ने फार्मा कंपनियों डॉक्टरों या उनके परिवार के सदस्यों को व्यक्तिगत लाभ के लिए कोई उपहार और यात्रा आदि का खर्च वहन करने पर रोक लगा दी है। अब इन नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने के लिए फार्मा कंपनियों के 31 जुलाई तक मार्केटिंग खर्च का ब्यौरा मांगा गया है। नए नियमों के मुताबिक अगर डॉक्टरों को अनैतिक रूप से दवाओं के खास ब्रांडों को बढ़ावा देने का दोषी पाया गया तो फार्मा कंपनियों के खिलाफ उसी प्रकार दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी जैसी रिश्वत या इससे जुड़े मामलों में की जाती हैं।
नए नियमों के मुताबिक अगर डॉक्टरों को अनैतिक रूप से दवाओं के खास ब्रांडों को बढ़ावा देने का दोषी पाया गया तो फार्मा कंपनियों के खिलाफ उसी प्रकार दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी जैसी रिश्वत या इससे जुड़े मामलों में की जाती हैं