दिग्गज निवेशक और बर्कशायर हैथवे के CEO वॉरेन बफे ने अपने रिटायरमेंट की घोषणा कर दी है। उन्होंने 3 मई को कंपनी की सालाना शेयरहोल्डिंग मीटिंग में ऐलान किया कि वह बोर्ड को औपचारिक रूप से सुझाव देंगे कि इस साल के अंत तक ग्रेग एबेल को बर्कशायर हैथवे का नया CEO बनाया जाए। बफे ने कहा, "मुझे लगता है कि अब समय आ गया है, जब ग्रेग को साल के अंत तक कंपनी का CEO बनना चाहिए। और मैं इसे प्रभावी ढंग से डायरेक्टर्स पर थोपना चाहता हूं और इसे अपनी सिफारिश के रूप में देना चाहता हूं।"
उन्होंने आगे कहा, "मैं बोर्ड को इस बारे में सोचने का वक्त देना चाहता हूं।" बफे ने भरोसा जताया कि बोर्ड इस बदलाव को सपोर्ट करेगा। उन्होंने कहा, "मुझे उम्मीद है कि 11 डायरेक्टर सर्वसम्मति से इसके पक्ष में मतदान करेंगे।" बफे 60 से अधिक वर्षों से कंपनी की कमान संभाल रहे हैं।
बफे रहेंगे मौजूद लेकिन आखिरी फैसला ग्रेग के हाथ में
ग्रेग एबेल वर्तमान में बर्कशायर हैथवे के गैर-बीमा कारोबारों के वाइस चेयरमैन और Berkshire Hathaway Energy में चेयरमैन और CEO हैं। बफे ने यह भी कहा कि वह कुछ मामलों में या अन्य में मौजूद रहेंगे, संभवतः कुछ स्थितियों में मददगार हो सकते हैं, लेकिन आखिरी फैसला ग्रेग के हाथ में होगा। बफे ने कहा, "ऑपरेशंस, कैपिटल डिप्लॉयमेंट, अधिग्रहण, जो भी हो, उस पर आखिरी फैसला ग्रेग का होगा।" बफे के मुताबिक, "सरकार या बाजार के तनाव के समय, हमें एक लायबिलिटी के बजाय एक एसेट के रूप में देखा जाता है। इसे अचीव करना मुश्किल है, और मैं अभी भी इसे बरकरार रखने में भूमिका निभा सकता हूं।"
बफे ने जोर देकर कहा कि लीडरशिप हैंडओवर रियल और मीनिंगफुल होगा। उन्होंने कहा, "ग्रेग पूरी तरह से बागडोर संभालेंगे। यह जानते हुए कि मैं अभी भी आसपास हूं, बोर्ड को बड़े अधिग्रहणों को मंजूरी देने में अधिक सहजता महसूस हो सकती है, लेकिन ग्रेग सीईओ होंगे- बस।"
62 साल के ग्रेग एबेल दो दशकों से भी ज्यादा समय से बर्कशायर में एक अहम शख्सियत रहे हैं। उनका पूरा नाम ग्रेगरी एडवर्ड एबेल है। एबेल का जन्म कनाडा के एडमोंटन, अल्बर्टा में 1962 में हुआ। बचपन में उन्होंने पैसे कमाने के लिए कई तरह के काम किए, जैसे फ्लायर्स बांटना, बोतलें इकट्ठा कर उन्हें लौटाना, फायर एक्सटिंग्विशर की सर्विसिंग करना। उन्होंने एक फॉरेस्ट प्रोडक्ट कंपनी में लेबर के तौर पर काम भी किया। एबेल ने साल 1984 में अल्बर्टा यूनिवर्सिटी से अकाउंटिंग में बैचलर्स की डिग्री हासिल की। वह AICPA सर्टिफाइड पब्लिक अकाउंटेंट हैं।
एबेल ने अपने करियर की शुरुआत प्राइसवाटरहाउस कूपर्स के सैन फ्रांसिस्को ऑफिस में एक चार्टर्ड अकाउंटेंट के रूप में की थी। 1992 में वह जियोथर्मल इलेक्ट्रिसिटी प्रोड्यूसर 'कैलएनर्जी' में शामिल हो गए। 1999 में, कैलएनर्जी ने मिडअमेरिकन एनर्जी को खरीद लिया, उसका नाम अपनाया और उसी वर्ष बाद में बर्कशायर हैथवे ने कंपनी में कंट्रोलिंग स्टेक हासिल किया। एबेल 2008 में मिडअमेरिकन के सीईओ बने और 2014 में कंपनी का नाम बदलकर बर्कशायर हैथवे एनर्जी कर दिया गया।
जनवरी 2018 में एबेल को बर्कशायर हैथवे के गैर-बीमा ऑपरेशंस का वाइस चेयरमैन बनाया गया और कंपनी के बोर्ड में नियुक्त किया गया। एबेल एडिसन इलेक्ट्रिक इंस्टीट्यूट के वाइस चेयरमैन भी हैं। वह AEGIS लिमिटेड, क्राफ्ट हेंज, न्यूक्लियर इलेक्ट्रिक इंश्योरेंस लिमिटेड, हॉकी कनाडा फाउंडेशन, मिड-आयोवा काउंसिल बॉय स्काउट्स ऑफ अमेरिका और अमेरिकन फुटबॉल कोच फाउंडेशन के डायरेक्टर हैं। वह ड्यूक यूनिवर्सिटी और ड्रेक यूनिवर्सिटी के बोर्ड ऑफ ट्रस्टी में भी रहे हैं।
बफे ने यह भी कहा कि अगली बोर्ड मीटिंग हो सकता है कि फॉर्मल अप्रूवल के क्षण वाली हो, जिसके बाद हमारे पास दुनिया के लिए घोषणा करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण होगा। बफे ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी बर्कशायर हैथवे के किसी भी शेयर को बेचने की कोई योजना नहीं है।