बायजूज से जुड़ी कंपनी अल्फा के बारे में एक नई जानकारी सामने आई है। अमेरिका के डेलावेयर बैंकरप्सी कोर्ट में एक नई फाइलिंग से इस मामले का पता लगा है। नई फाइलिंग में दावा किया गया है कि अल्फा के जिस 53.3 करोड़ डॉलर का हिसाब नहीं मिल रहा था, वह पैसा राउंडट्रिपिंग के जरिए वापस बायजू रवींद्रन से जुड़ी कंपनियों को भेजा गया। बायजू की पेरेंट कंपनी थिंक एंड लर्न के फाउंडर्स ने इन आरोपों को खारिज किया है। फाउंडर्स ने इस बारे में 17 नवंबर को एक मीडिया स्टेटमेंट जारी किया। अभी अल्फा बायजू को कर्ज देने वाली कंपनियों के नियंत्रण में है।
डेलावेयर के बैंकरप्सी कोर्ट में की गई फाइलिंग
अमेरिका के बैंकरप्सी डेलावेयर कोर्ट में यह फाइलिंग तब की गई है, जब अल्फा ने यूनाइटेड किंग्डम की कंपनी OCI Limited के साथ सेटलमेंट के लिए एप्रूवल मांगा है। इसी कंपनी को विवादित पैसा का बड़ा हिस्सा मिला है। सेटलमेंट के तहत ओसीआई के फाउंडर ओलिवर चैंपमैन ने एक हलफनामा सब्मिट किया था। इसमें कहा गया था कि ओसीआई को पैसे मिलने के बाद बताया जाएगा कि अल्फा के फंड का क्या हुआ।
पैसा वैध व्यवसायिक उद्देश्यों के लिए हुआ इस्तेमाल
फाइलिंग में दावा किया गया है कि अल्फा के पैसे का इस्तेमाल न तो सही व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए किया गया और न ही OCI ने इसका इस्तेमाल थिंक एंड लर्न के लिए टैबलेट्स और एडवर्टाइजिंग जैसे कामों के लिए किया। फाइलिंग में कहा गया है, "2024 में रवींद्रन की तरफ से फाइल किए गए डिक्लेरेशन में उन्होंने बार-बार कहा था कि यह पैसा वैध व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए ओसीआई को भेजा गया। इसमें थिंक एंड लर्न और उसकी सब्सिडियरीज के लिए एडवर्टाइजमेंट्स और टैबलेट्स जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की खरीदारी शामिल है।"
पैसा सिंगापुर के एक कॉर्पोरेट व्हीकल को भेजा गया
फाइलिंग में कहा गया है कि चैपमैन रिव्यू से पता चलता है कि 2022 में 53.3 करोड़ डॉलर को गुप्त तरीके से हटा दिया गया, जिसका मकसद इस पैसे के बड़े हिस्से को सिंगापुर में एक कॉर्पोरेट व्हीकल-बायजू की ग्लोबल पीटीई तक पहुंचाना था। इस कंपनी पर रवींद्रन का मालिकाना हक था। फाइलिंग में कहा गया है कि यह किसी व्यक्ति के अमीर बनने का सबूत है।
बायजूज के फाउंडर्स ने आरोपों का खंडन किया
Byju के फाउंडर्स ने मीडिया स्टेटमेंट इश्यू कर इन आरोपों को खारिज किया है। उन्होंने कहा है कि डेलावेयर कोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान GLAS Trusts ने जो नई फाइलिंग की है, उसे हम पूरी तरह से खारिज करते हैं। यह पूरी तरह से ओसीआई लिमिटेड के सीईओ ओलिवर चैपमैन की तरफ से सब्मिट किए किए गए सेलेक्टिव और अधूरे डिक्लेरेशन पर आधारित है।
एक समय सबसे वैल्यूएबल ऐडटेक कंपनी में शामिल थी बायजूज
बायजू एक समय दुनिया की सबसे वैल्यूएबल ऐडेटक स्टार्टअप्स में शामिल थी। आज अलग-अलग ज्यूडिक्शन में यह इनसॉल्वेंसी प्रोसिडिंग्स से गुजर रही है। दुनियाभर में अपनी सेवाओं का विस्तार करने की कोशिश के बाद कंपनी के बुरे दिन शुरू हो गए थे। कंपनी गंभीर वित्तीय मुश्किल में फंस गई। कंपनी ने बिजनेस के विस्तार के लिए कई ग्लोबल निवेशकों से पैसे जुटाए थे।