WazirX का मालिकाना हक किसके पास है, यह गुत्थी सुलझने का नाम नहीं ले रही। अमेरिकी क्रिप्टो एक्सचेंज Binance कह चुका है कि उसने कभी WazirX को नहीं खरीदा था। अब WazirX के फाउंडर निश्चल शेट्टी (Nischal Setty) ने इसका जवाब दिया है। उन्होंने कहा है कि उनके पास यह साबित करने के लिए लीगल डॉक्युमेंट्स हैं कि WazirX के प्लेटफॉर्म पर सभी क्रिप्टो-टू-क्रिप्टो ट्रेंडिंग और क्रिप्टो डिपॉजिट और विड्रॉल पर Binance का कंट्रोल है।
शेट्टी ने मनीकंट्रोल से इस बारे में विस्तार से बातचीत की। उन्होंने कहा कि वजीरएक्स को चलाने वाली इंडियन कंपनी Zanmai Labs का मालिकाना हक उनके और दूसरे को-फाउंडर्स के पास है। रुपया में ट्रांजेक्शन को प्रोसेस करने के लिए उन्होंने Binance से लाइसेंस लिया है। बतौर एक प्रोडक्ट और ब्रांड WazirX का मालिकाना हक बिनांस के पास है। उसने 2019 में इसका अधिग्रहण किया था।
शेट्टी ने कहा कि जब यह अधिग्रहण हुआ था तब बैंकिंग सेवाएं पर प्रतिबंध लगा था। बैन हटने के बाद WazirX के रुपया के डिपॉजिट और विड्रॉल के लिए एक इंडियन कंपनी की जरूरत थी। उन्होंने (शेट्टी) बताया कि तब उन्होंने (Binance) कहा कि हमारी जो कंपनी है हम उसका इस्तेमाल कर सकते हैं और रुपया के डिपॉजिट और विड्रॉल की प्रोसेसिंग के लिए उनसे (Binance) लाइसेंस ले सकते हैं।
शेट्टी ने बताया कि इस तरह Zanmai Labs को Binance से WazirX के लिए लाइसेंस मिला। उन्होंने कहा कि आप लाइसेंस तभी दे सकते हैं, जब वह आपके पास होगा। यह इस बात का सबूत है कि उन्होंने WazirX का अधिग्रहण किया था।
Enforcement Directorate (ED) के WazirX पर छापे मारने और करीब 65 करोड़ रुपये मूल्य की क्रिप्टोकरेंसी जब्त करने के बाद WazirX के मालिकाना हक को लेकर Binance ने दुविधा की स्थिति पैदा कर दी है। ED ने 16 इंडियन फिनटेक कपनियों के कथित रूप से मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल होने के आरोप में WazirX की जांच कर रही है।
Binance के चीफ Changpeng Zhao ने ट्वीट कर बताया था कि वजीरएक्स उसका नहीं है। 5 अगस्त को अपडेट किए गए ब्लॉग पोस्ट बिनांस ने कहा था कि ब्लॉग में 2019 के जिस अधिग्रहण का जिक्र है, उसका संबंध सिर्फ वजीरएक्स के कुछ एसेट्स और इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी खरीदने के एक एग्रीमेंट से था। बिनांस ने कोई हिस्सेदारी नहीं खरीदी थी। उसके पास Zanmai Labs का कोई शेयर नहीं है।