किराए पर विमान देने वाली कंपनी विलमिंगटन ट्रस्ट SP सर्विसेज (डबलिन) ने NCLT का दरवाजा खटखटाया है। इसमें भारत की किफायती एयरलाइन स्पाइसजेट के खिलाफ दिवाला प्रक्रिया शुरू करने की मांग की गई है। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल यानी NCLT की वाद सूची के अनुसार इस मामले की सुनवाई 12 जून को होने की संभावना है। मई 2023 में डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने लेजर्स (Lessor) के अनुरोध पर स्पाइसजेट के तीन विमानों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया, जिनमें से एक विमान विलमिंगटन का था। बता दें कि किराए पर विमान देने वाली कंपनी को Lessor कहा जाता है।
किराए पर विमान देने वाली कंपनी विलमिंगटन ट्रस्ट एसपी सर्विसेज, साबरमती एविएशन लीजिंग और फल्गु एविएशन लीजिंग ने सिविल एविएशन रेगुलेटर से संपर्क किया और बकाया भुगतान न करने पर तीन बोइंग 737-800 के रजिस्ट्रेशन को रद्द करने का अनुरोध किया। इसके चलते डीजीसीए ने VT-MXJ, MXF और SZJ वाले विमानों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया।
स्पाइसजेट के खिलाफ अन्य दिवाला याचिकाएं
स्पाइसजेट से अपना बकाया वसूलने के लिए NCLT में जाने वाला विलमिंगटन तीसरा लेजर है। एयरक्राफ्ट लेजर Aircastle और इंजन लेजर विलिस लीज फाइनेंस की याचिका पहले से ही ट्रिब्यूनल में लंबित हैं। NCLT ने 8 मई को Aircastle की याचिका पर नोटिस जारी किया और एयरलाइन से जवाब मांगा। स्पाइसजेट ने इसके बाद याचिका का जवाब दायर किया था, एयरकैसल ने एयरलाइन के जवाब का जवाब देने के लिए 25 मई को एक शॉर्ट एडजर्नमेंट की मांग की थी। इसके बाद स्पाइसजेट ने एक आवेदन दायर कर एयरकैसल की दिवालिया याचिका पर विचार करने के लिए सवाल उठाया था। ट्रिब्यूनल द्वारा मामले की सुनवाई 17 जुलाई को होने की उम्मीद है।
इंजन लेजर विलिस लीज फाइनेंस के मामले को भी सुनवाई के लिए 4 जुलाई के लिए स्थगित कर दिया गया। रियल एस्टेट कंपनी एकर्स बिल्डवेल प्राइवेट लिमिटेड, जिसने स्पाइसजेट के खिलाफ दिवाला कार्यवाही शुरू की थी, ने एनसीएलटी में एक आवेदन दायर किया है। इसमें पार्टियों द्वारा विवाद को हल करने के बाद अपनी याचिका वापस लेने की बात कही गई है।