आईटी कंपनी Wipro ने कुछ बड़ी डील हासिल की है। लेकिन, मैनेजमेंट ने कहा है कि वैश्विक आर्थिक हालात को देखते हुए आगे अनिश्चितता दिख रही है। इसलिए कंपनी सावधानी बरत रही है। दूसरी तिमाही में कंपनी का रेवेन्यू अनुमान के मुताबिक रहा, लेकिन प्रॉफिट उम्मीद से कम रहा। मनीकंट्रोल ने Wipro की दूसरी तिमाही के नतीजों के बाद कंपनी के सीएफओ जतिन दलाल (Jatin Dalal) से इकोनॉमिक स्लोडाउन के असर सहित कंपनी से जुड़े कई मसलों पर बातचीत की।
दलाल ने कहा कि सभी बिजनेसेज पर इनफ्लेशनरी प्रेशर दिख रहा है। जियोपॉलिटिकल हालात की बात करें तो अनिश्चितता की स्थिति है। एनर्जी की कीमतों में उछाल उसकी उपलब्धता का असर दुनिया के कई हिस्सों में दिख रहा है। अब इन चीजों का असर क्लाइंट्स के साथ हमारी बातचीत पर दिख रहा है। पहले ऐसा देखने को नहीं मिलता था। हालांकि, हम मौजूदा अनिश्चित माहौल को देखते हुए ज्यादा सावधानी बरत रहे हैं। लेकिन, अभी हम स्लोडाउन से बहुत दूर हैं। अभी यह समस्या नहीं है।
उन्होंने कहा, "टेक पर थोड़ा असर पड़ा है, मॉर्टगेज भी थोड़ा प्रभावित है। लेकिन ये छोटे सेक्टर्स हैं। जहां तक बड़े बिजनेस की बात है तो आप देखेंगे कि तिमाही दर तिमाही आधार पर आंकड़े अच्छे दिखते हैं। कम्युनिकेशन को छोड़करर दूसरे सभी सेक्टर अच्छे दिखते हैं। कम्युनिकेशन ने भी साल दर साल आधार पर 12 फीसदी ग्रोथ दिखाई है। सिर्फ टेक्नोलॉजी के मामले में थोड़ी नरमी दिखी है।"
यूरोप के बिजनेस पर असर के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि अभी कोई असर नहीं दिखा है। हमारा प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा है। हम तीसरी तिमाही को लेकर आश्वस्त हैं। देखना होगा कि आगे यह कैसा रहता है। लेकिन, यह एक ऐसा एरिया है जिसमें माहौल मुश्किल दिख रहा है। जहां तक प्राइसिंग प्रेशर की बात है तो अभी कोई दबाव नहीं दिख रहा है। नई डील की प्राइसिंग में हमेशा प्रतियोगिता देखने को मिलती है। बड़ी डील में आम तौर पर ज्यादा प्रतिस्पर्धा रहती है।
बड़ी डील में कमी आने के सवाल के जवाब ने दलाल ने कहा, "कई बड़ी डील आने वाली हैं। साल दर साल आधार पर पहली छमाही में बड़ी डील 42 फीसदी बढ़ी हैं। इसलिए डील की संख्या और वैल्यू के लिहाज से स्थिति पॉजिटिव है।" कंपनी की ग्रोथ में अधिग्रहण के योगदान के बारे में उन्होंने कहा कि हमें 4.1 फीसदी की स्ट्रॉन्ग ऑर्गेनिक ग्रोथ देखने को मिली है। हम ऑर्गेनिक इनऑर्गेनिक ग्रोथ को अलग-अलग करके पेश नहीं करते।
एंप्लॉयी के ऑफिस से काम करने पर कंपनी के जोर देने के बारे में उन्होंने कहा कि एंप्लॉयीज ऑफिस आना पसंद कर रहे हैं। मुझे ऑफिस आकर काम करना अच्छा लगता है। मेरी टीम ऑफिस में बैठ काम करना पसंद करती है। लोग शिकायत नहीं कर रहे हैं। मुझे लगता है कि कोरोना की महामारी ने हमें यह सिखाया है कि सही मॉडल जैसी कोई चीज नहीं है। न तो ऑफिस में बैठकर काम करना न हीं वर्क फ्रॉम होम।