सुप्रीम कोर्ट ने 600 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग मामले में यस बैंक (Yes Bank) के फाउंडर राणा कपूर (Rana Kapoor) की जमानत याचिका शुक्रवार 4 अगस्त को खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले ने "पूरी बैंकिंग सिस्टम को हिलाकर रख दिया" था। जस्टिस संजीव खन्ना और एसवीनी भट्टी की बेंच ने कपूर को एक विचाराधीन कैदी के रूप में अपनी सजा की आधी अवधि बिताने के बाद नई जमानत याचिका दायर करने को कहा। इसके बाद राणा कपूर ने जमानत याचिका वापस ले ली। यह मामला दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (DHFL) मनी लॉन्ड्रिंग मामले से जुड़ा है। राणा कपूर मार्च 2020 से ही जेल में बंद हैं।
इससे पहले बॉम्बे हाई कोर्ट ने मई में इस संबंध में राणा कपूर की ओर से दाखिल दूसरी याचिका को खारिज कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। हाई कोर्ट ने पाया था कि इस मामले में शामिल अपराध की आय ₹5,333 करोड़ रुपये थी।
जस्टिस संजीव खन्ना ने सुनवाई के दौरान कहा, "इस मामले ने भारतीय बैंकिंग सिस्टम को हिलाकर रख दिया था। यस बैंक मुश्किल में पड़ गया और निवेशकों की सुरक्षा के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को कदम उठाना पड़ा।"
कोर्ट ने यह भी सवाल किया कि यस बैंक घोटाले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ED) को जांच में इतना समय क्यों लग रहा है। कोर्ट ने कहा, "कुछ मामले असाधारण होते हैं। आपको इसे प्राथमिकता के आधार पर लेना होगा। यह (देरी) क्या है? कुछ गड़बड़ है। आप इसे इस तरह नहीं ले सकते। और बात यह है कि एक बार उन्हें जमानत मिल गई, तो मुकदमा कम से कम 10 साल खत्म नहीं होगा।"
राणा कपूर को ED ने ₹600 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 8 मार्च, 2020 को गिरफ्तार किया था। वह तभी से जेल में हैं।