बुलियन मार्केट से जुड़ी एक बड़ी खबर आई है तो कंज्यूमर्स के हित में हैं। अब तक सिर्फ ज्वेलरी की हॉलमार्किंग होती थी। लेकिन अब गोल्ड बुलियन के भी हॉलमार्किंग जरूरी करने की तैयारी है। सरकार गोल्ड बुलियन की हॉलमार्किंग जरूरी करने पर विचार कर रही है इस बारे में कंज्यूमर अफेयर्स सेक्रेटरी निधि खरे का बड़ा बयान आया है। निधि खरे ने कहा है कि हॉलमार्किंग जरूरी बनाने के प्रस्ताव पर विचार हो रहा है। गहनों की 6 अंकों वाली HUID से लोगों को भरोसा बढ़ा है।
इस मुद्दे पर बात करते हुए इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन के सचिव सुरेंद्र मेहता ने कहा कि ये मार्केट और कंज्यूमर दोनों के लिए बहुत ही अच्छा फैसला होगा। कंज्यूमर के साथ किसी तरह की धोखा-धड़ी नहीं होनी चाहिए। बुलियन और 9 कैरेट पर हॉलमार्किंग का प्रस्ताव इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन की तरफ से ही रखा गया था।
9 कैरेट पर हॉलमार्किंग की बात करें तो 9 कैरेट की ज्वेलरी देश के कई ऐसे पिछड़े क्षेत्रों में बेची जाती है जहां हॉलमार्किंग अनिवार्य नहीं है। ऐसे में किसी के साथ धोखा-धड़ी न हो इसके लिए 9 कैरेट पर हॉलमार्किंग अनिवार्य करने की जरूरत है। इसके अलावा चूंकि गोल्ड के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं ऐसे में कंज्यूमर को 14 कैरेट से नीचे की हॉलमार्किंग वाला एक बेहतर विकल्प और मिलना चाहिए। यह प्रस्ताव लगभग मंजूर कर लिया गया है। लगता है कि जनवरी के पहले हफ्ते से ही 9 कैरेट की हॉलमार्किंग लागू कर दी जाएगी।
उन्होंने आगे कहा कि उपभोक्ताओं के हितों को ध्यान में रखते हुए रि-साइकिल्ड गोल्ड पर हॉलमार्किंग बहुत जरूरी है। बाकी गोल्ड तो बीआईएस रिफाइनरी में ही रिफाइन होता या फिर इंपोर्टेड गोल्ड होता है जो पूरा सर्टिफाइड होता है। इसमें हॉलमार्किंग जरूरी नहीं है। लेकिन जो रि-साइकिल्ड गोल्ड आता है उसके लिए हॉलमार्किंग अनिवार्य करने की जरूरत है। ऐसा लगता है कि शुरुआती चरण में ये हॉलमार्किंग 100 ग्राम से ऊपर ही शुरू होगी। धीरे-धीरे एक दो साल में इसको 5 ग्राम तक नीचे ले जाया जाएगा।