Agri Commodity: सोयाबीन की कीमतों में उछाल, गेहूं की बढ़ी खरीद, क्या आगे कीमतों में आएगा उछाल

नीरव देसाई का कहना है कि अमेरिका -चीन के बीच हुई डील का सोयाबीन की कीमतों पर असर देखा जा रहा है। ड्यूटी ज्यादा होने से चीन का सायोबीन का इंपोर्ट रुक गया था। अमेरिका दुनिया का सबसे बड़ा सोयाबीन एक्सपोर्टर है। चीन दुनिया का सबसे बड़ा सोयाबीन इंपोर्टिंग देश है। उन्होंने आगे कहा कि USDA को अमेरिका में सोयाबीन का उत्पादन गिरने की आशंका है

अपडेटेड May 13, 2025 पर 12:26 PM
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इंटरनेशनल मार्केट में सोयाबीन की कीमतों में उछाल देखने को मिल रहा।

Agri Commodity: इंटरनेशनल मार्केट में सोयाबीन की कीमतों में उछाल देखने को मिल रहा। सोयाबीन के दाम 10.60 डॉलर प्रति बुशेल के पार निकले। फरवरी 2025 के बाद सोयाबीन के भाव ऊंचाई पर पहुंचे है। US-चीन की अस्थायी डील से तेजी आई। US के प्रोडक्ट पर 10% टैक्स चीन लगाएगा। चीन के प्रोडक्ट पर 30% टैक्स लगाएगा। 90 दिनों तक दोनों देश हालात का जायजा लेंगे। टैरिफ वॉर के चलते ब्राजील से चीन प्रोडक्ट खरीद रहा था।

सोयाबीन की कीमतों में आगे हल्की तेजी संभव

GGN रिसर्च के नीरव देसाई का कहना है कि अमेरिका -चीन के बीच हुई डील का सोयाबीन की कीमतों पर असर देखा जा रहा है। ड्यूटी ज्यादा होने से चीन का सायोबीन का इंपोर्ट रुक गया था। अमेरिका दुनिया का सबसे बड़ा सोयाबीन एक्सपोर्टर है। चीन दुनिया का सबसे बड़ा सोयाबीन इंपोर्टिंग देश है। उन्होंने आगे कहा कि USDA को अमेरिका में सोयाबीन का उत्पादन गिरने की आशंका है। अमेरिका में अगले साल भी सोयाबीन का उत्पादन गिर सकता है। CPO का भाव सोयाबीन से कम हो गया है।


नीरव देसाई ने आगे कहा कि पाम के दाम सोयाबीन के 30-40 डॉलर कम हो गए है। सरकार के पास सोयाबीन का ठीक-ठाक स्टॉक है। किसानों के पास अब सोयाबीन नहीं रहा है। सोयाबीन का स्टॉक सरकार और ट्रेडर्स के पास है। उन्होंने आगे कहा कि सोयाबीन की कीमतों में आगे हल्की तेजी दिख सकती है।

4 सालों की ऊंचाई पर पहुंचा गेहूं की खरीद

एग्री कमोडिटी से जुड़ी एक और अहम खबर सामने आ रही है। गेहूं की खरीद 4 सालों की ऊंचाई पर पहुंची है। 2025-26 रबी सीजन के लिए गेहूं की खरीद हो रही है जो कि पिछले साल 16% ज्यादा है। सरकार ने अब तक 29 मिलियन टन गेहूं खरीदा है।

2021-22 के बाद सरकार ने सबसे ज्यादा गेहूं खरीदा है। मंडियों में कुल 37.48 मिलियन टन की आवक रही है। बता दें कि सरकार का गेहूं खरीद लक्ष्य33 मिलियन टन है।

2021-22 में सरकार ने 43.34 मिलियन टन गेहूं खरीद की थी जबकि 2022-23 में 18.79 मिलियन टन, 2023-24 में 26.20 मिलियन टन, 2024-25 में 26.61 मिलियन टन और 2025–26 में 29.00मिलियन टन गेहूं की खरीद की है।

गेहूं की कीमतें स्थिर रहने की उम्मीद

RFMFI के नवनीत चितलांगिया का कहना है कि इस साल गेहूं का बंपर उत्पादन हुआ है। इस साल गेहूं की कीमतें स्थिर रहने की उम्मीद है। क्योंकि सरकार के पास गेहूं की स्टॉक काफी अच्छी मात्रा है। इस साल 30 मिलियन टन सरकारी खरीद हो सकती है। प्राइवेट प्लेयर्स की गेहूं की खरीद भी अच्छी रही है।

उन्होंने आगे कहा कि मंडियो में अब गेहूं की आवक घट रही है। सरकार से गेहूं के प्रोडक्ट का एक्सपोर्ट शुरु करने की मांग है।

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Sujata Yadav

Sujata Yadav

First Published: May 13, 2025 12:21 PM

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