Credit Cards

Gold Price: रिकॉर्ड हाई के करीब बना हुआ है गोल्ड, इस कारण नहीं फीकी हो रही चमक

Gold Price: गोल्ड रिकॉर्ड हाई के करीब बना हुआ है। जानिए कि आखिर गोल्ड ₹1 लाख के पार क्यों बना हुआ है? इसकी चमक को किन बातों से सपोर्ट मिला है और आगे क्या रुझान है? खास बात ये है कि गोल्ड ज्वैलरी की बिक्री घटी है लेकिन निवेश बढ़ा है, चेक करें आंकड़े

अपडेटेड Sep 11, 2025 पर 12:10 PM
Story continues below Advertisement
Gold Price: गोल्ड की कीमतें आज गुरुवार 11 सितंबर को भी मजबूत बनी हुई हैं। अगले हफ्ते अमेरिकी फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में कटौती कर सकता है, इस संभावना ने गोल्ड की चमक बढ़ाई है और यह रिकॉर्ड हाई के काफी करीब पहुंच गया।

Gold Price: गोल्ड की कीमतें आज गुरुवार 11 सितंबर को भी मजबूत बनी हुई हैं। अगले हफ्ते अमेरिकी फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में कटौती कर सकता है, इस संभावना ने गोल्ड की चमक बढ़ाई है और यह रिकॉर्ड हाई के काफी करीब पहुंच गया। भारत में 24-कैरट गोल्ड की कीमत प्रति 10 ग्राम ₹1.10 लाख है जबकि 22-कैरट गोल्ड की कीमत ₹1.01 लाख है। 18-कैरट गोल्ड भी प्रति दस ग्राम ₹82,890 के मजबूत भाव पर है। वहीं वैश्विक लेवल पर बात करें तो स्पॉट गोल्ड प्रति औंस (1 किग्रा=35.274 औंस) $3,636.59 पर है जोकि 9 सितंबर को इसके $3,673.95 के रिकॉर्ड हाई लेवल से थोड़ा ही कम है। दिसंबर डिलीवरी का अमेरिकी गोल्ड फ्यूचर्स प्रति औंस $3,676.40 पर है।

आखिर क्यों उछल रहा गोल्ड?

मार्केट में जो माहौल बना हुआ है, वह मुख्य रूप से अमेरिका के कमजोर आर्थिक आंकड़ों पर टिका है। पिछले महीने अगस्त में उम्मीद के विपरीत प्रोड्यूसर प्राइस गिर पड़ी जिससे इस बार संभावना बनी है कि अमेरिकी फेड अब और आक्रामक होकर दरें नीतियों में ढील दे सकता है। निवेशकों की नजर अब बेरोजगारी के साप्ताहिक आंकड़ों के साथ-साथ अन्य आंकड़ों पर भी रहेगी। मैरेक्स के एनालिस्ट Edward Meir का कहना है कि अमेरिका के कमजोर मैक्रो डेटा से गोल्ड उछल रहा है। उनका मानना है कि अमेरिकी फेड उम्मीद से तेज नीतियों में ढील दे सकता है।


एनालिस्ट्स का मानना है कि फेडरल रिजर्व अगले हफ्ते होने वाली अपनी नीतिगत बैठक में 25 बेसिस प्वाइंट्स की कटौती कर सकता है, साथ ही मार्केट 50 बेसिस प्वाइंट्स के कटौती की भी संभावना जता रहा है। ब्याज दरें कम होने से गोल्ड को सपोर्ट मिलता है क्योंकि इस पर कोई ब्याज नहीं मिलता है तो इस एसेट को होल्ड करने का खर्च कम हो जाता है। निवेशक सेफ-हैवन एसेट की तरफ मुड़ रहे हैं जिससे गोल्ड को सपोर्ट मिल रहा है। एनालिस्ट्स के मुताबिक कमजोर अमेरिकी आंकड़ों, फेड से रेट कट की उम्मीद और केंद्रीय बैंकों की लगातार खरीदारी से इसे सपोर्ट मिल रहा है।

घटी ज्वैलरी की बिक्री, लेकिन बढ़ा निवेश

इंडस्ट्री के एक्सपर्ट्स के मुताबिक सप्लाई-डिमांड फंडामेंटल्स से गोल्ड को सपोर्ट बन रहा है। इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) की वाइस प्रेसिडेंट अक्ष कंबोज का कहना है कि 24 कैरेट सोना मजबूत बना हुआ है, जो बढ़ती जियोपॉलिटिल और आर्थिक चिंताओं के बीच स्थिर मांग का संकेत है। वैश्विक लेवल पर ज्वैलरी की मांग में कमी आई है, लेकिन निवेश की मांग मजबूत बनी हुई है। एक्सिस म्यूचुअल फंड के रिसर्च नोट के मुताबिक जून 2025 तिमाही में वैश्विक स्तर पर गोल्ड की मांग 14% गिरी लेकिन गोल्ड को ट्रैक करने वाले ईटीएफ में इस साल 2025 की पहली छमाही में नेट निवेश 400 टन के पार चला गया। इस दौरान केंद्रीय बैंकों ने भी अपने भंडार को 166 टन बढ़ाया।

 

डिस्क्लेमर: मनीकंट्रोल.कॉम पर दिए गए सलाह या विचार एक्सपर्ट/ब्रोकरेज फर्म के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदायी नहीं है। यूजर्स को मनीकंट्रोल की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले हमेशा सर्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।