Agri Commodity: मई में इंटरनेशनल मार्केट में बासमती चावल के दाम पिछले साल की तुलना में 23% तक गिर चुके हैं। मई में दाम घटकर $831/टन तक आए। सीजन 20% की गिरावट के साथ शुरु हुआ था। अक्टूबर में मार्केटिंग सीजन शुरू होता है। अक्टूबर 2024 में भाव $977/टन थे। बीते 8 महीने में बासमती चावल के दाम 15% गिरे थे।
वहीं भारत का चावल निर्यात अप्रैल- मई 2025 में लगभग 60 फीसदी गिर गया है। इसके लिए दुनियाभर से डिमांड में कमी और ज्यादा स्टॉक को जिम्मेदार माना जा रहा है। सितंबर में परबॉइल्ड चावल का निर्यात 4.35 लाख टन से बढ़कर जनवरी 2025 तक 12.52 लाख टन हो गया था। सफेद चावल में भी इसी तरह की बढ़ोतरी देखी गई, जो नवंबर में 8.07 लाख टन पहुंच गई थी। हालांकि, मई 2025 तक शिपमेंट में भारी गिरावट आई और यह परबॉइल्ड के लिए 2.07 लाख टन और सफेद चावल के लिए 2.92 लाख टन रह गई।
IREF के देव गर्ग ने कहा कि पिछले 6 महीनों में बासमती के दाम 10-15 फीसदी तक गिरे है। पाकिस्तान बासमती की तुलना में भारतीय बासमती की क्वालिटी काफी अच्छी है। भारतीय बासमती को इंटरनेशनल मार्केट में और बढ़ावा देने की जरुरत है। भारत में बासमती का सबसे ज्यादा स्टॉक मौजूद है। उन्होंने कहा कि एक्सपोर्ट दोबारा से 20-25 मिलियन टन तक पहुंचने की उम्मीद है। देश में चावल का स्टॉक जरुरत से ज्यादा है।
मई में 6 महीनों की ऊंचाई पर इंपोर्ट
देश में मई में पाम ऑयल का इंपोर्ट 6 महीनों की ऊंचाई पर पहुंच गया है। वहीं सन और सोयाबीन के इंपोर्ट में भी बढ़ोतरी देखने को मिली है। दाम कम होने से इंपोर्ट में तेजी आई। सन, सोया ऑयल के दाम पाम से ज्यादा रहा। अप्रैल के मुकाबले मई में इंपोर्ट 84% बढ़ा। मई में 5.93 मीट्रिक टन का इंपोर्ट हुआ। नवंबर 2024 के बाद सबसे ज्यादा इंपोर्ट हुआ। सोया ऑयल का इंपोर्ट भी 10% बढ़ा है जबकि सनफ्लावर ऑयल का इंपोर्ट भी 2% बढ़ा। भारत खाने के तेल का सबसे बड़ा इंपोर्टर है।