Agriculture Tips: जनवरी में आलू के बाद करें फूलगोभी की खेती, होगी बंपर पैदावार और मोटी कमाई, इन बातों का रखें ध्यान

Agriculture Tips: जनवरी में आलू की खुदाई के बाद फूलगोभी की फसल उगाई जा सकती है, लेकिन इसके लिए उचित तापमान और मिट्टी की सही देखभाल जरूरी है। तापमान न होने पर फूलों का रंग बदल सकता है। मिट्टी का पीएच स्तर 6.5 से 7.5 होना चाहिए और बोरेक्स का सही तरीके से उपयोग करके अच्छे उत्पादन की संभावना बढ़ाई जा सकती है

अपडेटेड Jan 22, 2025 पर 10:07 AM
Story continues below Advertisement
Agriculture Tips: फूलगोभी की रोपाई से पहले खेत की तैयारी करते समय बोरेक्स का उपयोग महत्वपूर्ण होता है।

जनवरी का महीना आलू की खुदाई के बाद फूलगोभी की फसल के लिए एक बेहतरीन समय होता है। फूलगोभी ठंडी जलवायु की फसल है और इसके लिए 15 से 20 डिग्री सेंटीग्रेड का तापमान सबसे अच्छा माना जाता है। यह फसल अगर सही तापमान और देखभाल के साथ उगाई जाए तो किसानों को अच्छा उत्पादन मिल सकता है। लेकिन अगर तापमान सही नहीं होता तो फूलगोभी के फूल समय से पहले आ सकते हैं उनका रंग बदल सकता है या फिर पौधों का विकास रुक सकता है। इसके अलावा अगर फूलगोभी को ज्यादा धूप मिलती है या मिट्टी में पीएच का स्तर सही नहीं होता।

तो फूल का रंग हरा या भूरा हो सकता है। ऐसे में किसानों के लिए जरूरी है कि वे फूलगोभी की खेती से पहले मिट्टी की जांच करें और सही देखभाल करें ताकि उन्हें बेहतरीन उत्पादन मिल सके।

फूलगोभी की फसल में होने वाली समस्याएं


जनवरी में लगाई गई फूलगोभी में कई बार फूल का हरा होना या भूरा हो जाना एक आम समस्या हो सकती है। यह समस्या मुख्य रूप से बोरेक्स की कमी, ऊसर जमीन या ज्यादा पीएच वाली मिट्टी में फसल लगाने से होती है। इसके अलावा सूरज की तेज रोशनी से भी फूलगोभी का रंग सफेद के बजाय हरा या भूरा हो सकता है।

मिट्टी की जांच और पीएच स्तर का महत्व

फूलगोभी की खेती के लिए मिट्टी की जांच बहुत जरूरी है। विशेषकर जब आप जनवरी में फूलगोभी की खेती करने जा रहे हों तो मिट्टी के पीएच स्तर की जांच करें। फूलगोभी की फसल के लिए मिट्टी का पीएच स्तर 6.5 से 7.5 के बीच होना चाहिए। अगर पीएच में कोई गड़बड़ी पाई जाती है तो ऐसी मिट्टी में फूलगोभी की खेती करना जोखिम भरा हो सकता है।

बोरेक्स का सही तरीके से उपयोग

फूलगोभी की रोपाई से पहले खेत की तैयारी करते समय बोरेक्स का उपयोग महत्वपूर्ण होता है। इसे 20 किलो प्रति हेक्टेयर की दर से मिट्टी में मिलाकर रोपाई करें। यदि किसान रोपाई के समय बोरेक्स का इस्तेमाल नहीं कर पाते तो 0.1 से 0.2 प्रतिशत बोरेक्स को पानी में मिलाकर फूल बनने की प्रक्रिया से पहले फसल पर छिड़काव करें। इससे फूलगोभी के कर्ड का वजन बढ़ेगा और किसानों को अच्छा उत्पादन मिलेगा।

Tomato Farming: सर्दियों में उगाएं टमाटर, होगी बंपर पैदावार, मिलेगा गजब का स्वाद

MoneyControl News

MoneyControl News

First Published: Jan 22, 2025 10:07 AM

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।