Hallmarking on Silver Jwellery : चांदी की हॉलमार्किंग अगले 6 महीने में अनिवार्य हो सकती है। CNBC-आवाज़ से एक्सक्लूसिव बातचीत में BIS के DG प्रमोद तिवारी ने बताया कि अभी इसका ट्रायल फेज है लेकिन जल्दी ही इसे अनिवार्य किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 6 महीने के अंदर चांदी की हॉलमार्किंग अनिवार्य हो सकती है। 1 सितंबर से चांदी की स्वैच्छिक हॉलमार्किंग शुरू हुई है। ट्रायल सफल होने के बाद अनिवार्य हॉलमार्किंग लागू होगी।
उन्होंने आगे कहा कि 1 सितंबर से 6 डिजिट वाली हॉलमार्किंग शुरू हुई है। बैटरी स्वैपिंग स्टैंडर्ड की दिशा में भी काम जारी है। बहुत जल्दी ही इसके स्टैंडर्ड लागू होंगे। बुलियन की हॉलमार्किंग अनिवार्य करने में कई मुश्किलें हैं। फिलहाल इस पर गंभीरता से विचार चल रहा है। पुराने सोने को गला कर बनने वाले बुलियन से चुनौती काफी चुनौती मिल रही है।
चांदी पर हॉलमार्किंग का अनिवार्य होना उपभोक्ता अधिकारों की दिशा में एक बहुत बड़ा कदम है। इससे ग्राहकों का भरोसा बढ़ेगा। नए हॉलमार्क में तीन निशान होंगे। BIS का लोगो, प्योरिटी ग्रेड, और HUID नंबर. सरकार ने चांदी की शुद्धता के 6 ग्रेड तय किए हैं, जिनके आधार पर शुद्धता का पता चलेगा। सरकार के इस बड़े कदम का सीधा मतलब है कि अब आपको मिलेगी चांदी की शुद्धता की 100 फीसदी गारंटी।
सरकार ने चांदी की शुद्धता के लिए 6 ग्रेड तय किए हैं। ये 6 ग्रेड हैं 800, 835, 900, 925, 970 और 990 जो शुद्धता का लेवल दिखाएंगे। शुरुआत में ये स्वैच्छिक (वॉलंटरी) रखा गया, यानी ज्वैलर्स चाहें तो इसे अपनाएंगे। लेकिन बाद में इसे अनिवार्य किया जाएगा सोने के लिए भी यही नीति अपनाई गई थी। बता दें कि सरकार ने 1 अप्रैल 2024 से गोल्ड और उसके आभूषणों पर अनिवार्य से रूप से हॉलमार्किंग लागू कर दी है।
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