हॉल के दिनों में कॉटन की कीमतों में जोरदार तेजी देखने को मिली है। कॉटन की कीमतों में आई इस तेजी पर लगाम कसने के लिए MCX ने सख्ती करनी शुरू कर दी है। कॉटन की कीमतों में तेजी को रोकने को लिए MCX ने कॉटन वायदा के नए नियम जारी किए हैं। अगस्त सीरीज के लिए ये नए नियम सोमवार से लागू हो गए हैं। नए नियमों के तहत डेली प्राइस लिमिट को 4 फीसदी से घटाकर 2 फीसदी कर दिया गया है। वहीं, एडिनशनल मार्जिन को 6 फीसदी से बढ़ाकर 11 फीसदी किया गया है।
घरेलू मार्केट में क्यों बढ़े भाव?
कॉटन के कीमत में बढ़त के कारणों पर नजर डालें तो मॉनसून के असंतुलन का नई फसल पर निगेटिव असर पड़ने की उम्मीद है। भारी बारिश से गुजरात, महाराष्ट्र में नुकसान हुआ है।नॉर्थ के राज्यों में कम बारिश से बुआई पिछड़ी है।कैरी ओवर स्टॉक भी बेहद कम रहने से कीमतों को सपोर्ट मिल रहा है। इंटरनेशनल मार्केट में कॉटन की चाल पर नजर डालें तो 1 हफ्ते में कॉटन के भाव में 3.49 फीसदी की तेजी देखने को मिली है। वहीं, 1 महीने में इसके भाव 1.51 फीसदी चढ़े हैं। जबकि 1 साल में कॉटन के भाव 12.45 फीसदी भागे हैं।
जानकारों का कहना है कि इस कॉटन का उत्पादन 375 लाख बेल्स रहने की उम्मीद है। 4 अगस्त तक 121.13 लाख हेक्टेयर में कॉटन की बुआई हो चुकी है। पिछले साल 113.5 लाख हेक्टेयर में बुआई हुई थी। अक्टूबर 22-सितंबर 23 सीजन में उत्पादन बढ़ने का अनुमान है। अच्छे मौसम से उत्पादन बढ़ने का अनुमान लगाया जा रहा है। कीमतें में रिकॉर्ड तेजी से बुआई बढ़ी है। बता कॉटन के भाव MSP के दो गुने के भी ऊपर चले गए थे। कॉटन के भाव 12500 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच गए थे। इसके बाद ही MCX ने सख्ती करनी शुरू कर दी। बता दें कि अगले साल की MSP 6080 रुपए प्रति क्विंटल है। वहीं, इस साल का MSP 5726 रुपए प्रति क्विंटल है।
बढ़ी कॉटन की बुआई (लाख हेक्टेयर)
04 अगस्त 2022 तक कॉटन के बुआई के रकबे पर नजर डालें तो महाराष्ट्र में 2022-23 में 41.72 लाख हेक्टेयर रकबे में कॉटन की बुआई हुई है जबकि 2021-22 सीजन में महाराष्ट्र में 38.74 लाख हेक्टेयर रकबे में बुआई हुई थी। वहीं गुजरात में 2022-23 में 25.04 लाख हेक्टेयर रकबे में कॉटन की बुआई हुई है जबकि 2021-22 सीजन में गुजरात में 22.22 लाख हेक्टेयर रकबे में बुआई हुई थी। इधर तेलंगाना में 2022-23 में 19.98 लाख हेक्टेयर रकबे में कॉटन की बुआई हुई है जबकि 2021-22 सीजन में तेलंगाना में 20.18 लाख हेक्टेयर रकबे में बुआई हुई थी।
वहीं कर्नाटक में 2022-23 में 7.39 लाख हेक्टेयर रकबे में कॉटन की बुआई हुई है जबकि 2021-22 सीजन में कर्नाटक में 5.07 लाख हेक्टेयर रकबे में बुआई हुई थी। वहीं हरियाणा में 2022-23 में 6.50 लाख हेक्टेयर रकबे में कॉटन की बुआई हुई है जबकि 2021-22 सीजन में हरियाणा में 6.88 लाख हेक्टेयर रकबे में बुआई हुई थी। राजस्थान में 2022-23 में 6.47 लाख हेक्टेयर रकबे में कॉटन की बुआई हुई है जबकि 2021-22 सीजन में राजस्थान में 5.99 लाख हेक्टेयर रकबे में बुआई हुई थी।
इसी तरह मध्य प्रदेश में 2022-23 में 5.99 लाख हेक्टेयर रकबे में कॉटन की बुआई हुई है जबकि 2021-22 सीजन में मध्य प्रदेश में 6.00 लाख हेक्टेयर रकबे में बुआई हुई थी। आंध्र प्रदेश में 2022-23 में 4.67 लाख हेक्टेयर रकबे में कॉटन की बुआई हुई है जबकि 2021-22 सीजन में आंध्र प्रदेश में 3.56 लाख हेक्टेयर रकबे में बुआई हुई थी। पंजाब में 2022-23 में 2.48 लाख हेक्टेयर रकबे में कॉटन की बुआई हुई है जबकि 2021-22 सीजन में पंजाब में 2.54 लाख हेक्टेयर रकबे में बुआई हुई थी। इधर ओडिशा में 2022-23 में 2.08लाख हेक्टेयर रकबे में कॉटन की बुआई हुई है जबकि 2021-22 सीजन में ओडिशा में 1.88 लाख हेक्टेयर रकबे में बुआई हुई थी।