Pulses : गुजरात में तुअर की कालाबाजारी का पर्दाफाश हुआ है। गुजरात के डिस्ट्रिक सप्लाई ऑफिस ने बड़ी जब्ती की है। एक मिल से तुअर दाल की बड़ी खेप को जब्त किया गया है। यहां बड़ी बात ये है कि ये दाल सरकारी योजनाओं के लिए आंध्र प्रदेश से खरीदी गई थी और मिल उसे खुले बाजार में बेच रही थी। इस पर बात करने के लिए सीएनबीसी-आवाज के साथ जुड़े जेवीएल एग्रो के डायरेक्टर विवेक अग्रवाल।
सबसे पहले बता दैं कि गोधरा कि एक मिल से 16.47 करोड़ रुपए की दाल जब्त की गई है। गुजरात की डिस्ट्रिक सप्लाई ऑफिसर ने ये जब्ती की है। मिल से तुअर दाल की 11 लाख बोरियां जब्त हुई हैं। ये दाल PDS और ICDS स्कीम के लिए आई थी। ये आंध्र प्रदेश से इन स्कीमों के लिए खरीदी गई थी। मिल से खुले बाजार में 50 किलो की बोरियों में स्कीम की दाल बिक रही थी।
विवेक अग्रवाल ने कहा कि बाजार में तुअर की शॉर्टेज है और बाजार में माल है ही नहीं। कुछ जगहों पर कुछ लोग ऐसे हो सकते हैं जो ये करते हों लेकिन हाल फिलहाल में इस तरह की बड़ी घटनाएं नहीं हुई हैं। आज की तिथि में देश के लिए तुअर बहुत ही सेंसिटिव इश्यू है। इस पर सरकार लगातार अपनी नजरें रखे हुए है। हमारे लिए अच्छी खबर ये है कि मानसून अच्छा है अफ्रीका से भी क्रॉप आ रही है। जो पुराने मुद्दे थे उनको भी सुलझा लिया गया है। ऐसे में तुअर की कीमतों में थोड़ी गिरावट की उम्मीद है।
उन्होंने आगे कहा कि जमाखोरी और बेइमानी की इस तरह की चीजों पर सरकार निगाह रखे हुए है ताकी ऐसी चीजें दोबारा न हों। उन्होंने आगे कहा कि दालों की कीमतें अपने पीक पर हैं। यहां से अब इसमें और बढ़त की उम्मीद नहीं है। अगले 2-3 महीनों में दाल की कीमतें सामान्य हो जाएंगी। देश में मॉनसून अच्छा है अच्छी मात्रा में आयात हो रहा है। सबसे बड़ी बात ये है कि काफी बड़ी मात्रा में पीली मटर का आयात हुआ है। इससे दालों की कीमतों में नरमी आने की पूरी उम्मीद है।