Windfall Tax: केंद्र सरकार ने आज तेल निकालने वाली कंपनियों को बड़ी राहत दी है। कच्चे तेल पर सरकार ने विंडफाल टैक्स की दरों में कटौती का ऐलान किया है। कटौती के बाद कच्चे तेल पर विंडफाल टैक्स की दर प्रति टन 5 हजार रुपये हो गई है। पहले यह प्रति टन 6300 रुपये पर थी। जेट फ्यूल पर भी लेवी को कम किया गया है। पहले यह टैक्स प्रति किलोलीटर पर 1.11 लाख रुपये पर था जो अब गिरकर प्रति किलोलीटर 1.06 लाख रुपये पर आ गया है।
क्या होता है विंडफॉल टैक्स
जब युद्ध या अनिश्चित परिस्थितियों के चलते मुनाफा अप्रत्याशित तौर पर बढ़ जाता है तो इस मुनाफे पर विंडफॉल टैक्स लगाया जाता है। यह अस्थाई होता है और हर 15 दिनों के अंतराल पर केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड इसकी समीक्षा करता है। इसके असर की बात करें तो विंडफाल टैक्स के चलते कंपनियों के मुनाफे का एक हिस्सा टैक्स के तौर पर सरकार के जाता है। वहीं सरकार की कमाई बढ़ती है।
बता दें कि जब भी कोई कंपनी काफी अच्छा मुनाफा कमाती हो सरकार उस पर विंडफॉल टैक्स लगाती है। जिसकी वजह से उनको हुए मुनाफे का एक हिस्सा टैक्स के तौर पर सरकार के पास भी जाता है। जैसे कि रूस और यूक्रेन की लड़ाई के शुरुआती दौर में कच्चे तेल की कीमतें काफी ज्यादा बढ़ गई थीं। जिसके बाद सरकार ने तेल पर विंडफॉल टैक्स को बढ़ा दिया था।
पिछले साल आया था Windfall Tax
घरेलू बाजार में तेल की सप्लाई और रेवेन्यू को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने पिछले साल यानी 2022 में विंडफॉल टैक्स को इंट्रोड्यूस किया था। इसे पहली बार 1 जुलाई 2022 को लगाया गया था। इसके साथ ही भारत उन देशों की लिस्ट में भी शामिल हो गया था जो कि ऊर्जा कंपनियों के मुनाफे पर टैक्स लगाते हैं।