इंटरनेशनल मार्केट में कॉटन की कीमतों में रिकवरी देखने को मिल रही है। इंटरनेशनल मार्केट में कॉटन की कीमतों में तेजी लौटी है। कॉटन का भाव 2 हफ्तों की ऊंचाई पर पहुंच गए हैं। CBOT पर भाव $65/Lbs के पार निकला है। 1 हफ्ते में कॉटन के दाम 5% से ज्यादा चढ़े है। सप्लाई में गिरावट से कीमतों को सपोर्ट मिला जबकि US में सप्लाई 4 हफ्तों के औसत से 21% कम है।
इंटरनेशनल मार्केट में कॉटन की चाल पर नजर डालें तो 1 हफ्ते में 5 फीसदी चढ़ा है जबकि 1 महीने में इसमें 5 फीसदी की तेजी आई। वहीं जनवरी 2025 से अब तक कॉटन में 1 फीसदी की तेजी आई। जबकि 1 साल में इसमें 14 फीसदी का दबाव देखने को मिला है।
देश में कॉटन के उत्पादन आंकड़ों पर नजर डालें तो 2019-20 में 360.65 लाख टन उत्पादन रहा जबकि 2020-21 में 352.48 लाख टन, 2021-22 में 311.18 लाख टन, 2022-23 में 336.60 लाख टन, 2023-24 में 325.22 लाख टन और 2024-25 में 294.25 लाख टन कॉटन का उत्पादन हुआ।
मंडियों में चने और मसूर के दाम लगातार MSP के नीचे
इस बीच एग्री कमोडिटी से जुड़ी और एक अहम खबर सामने आई है। मंडियों में चने और मसूर के दाम लगातार MSP के नीचे बने हुए। मसूर, चने के दाम MSP से 2-9% नीचे आए। सरकार MSP पर दलहन की खरीद कर रही है । सरकार लगातार तुअर की खरीद MSP पर कर रही है। जिसे देखते हुए ये उम्मीद की जा रही है ये खरीद FY20 के बाद सबसे ज्यादा हो सकती है। महाराष्ट्र, गुजरात, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना में तुअर का उत्पादन बढ़ा है। इस साल 5 लाख टन से ज्यादा खरीद की उम्मीद है। FY20 के बाद रिकॉर्ड तुअर खरीद की उम्मीद है। सरकार ने 4.7 लाख टन तुअर खरीदा है।
JLV एग्रो के डायरेक्टर विवेक अग्रवाल का कहना है कि बाजार में दलहन के प्राइवेट खरीदारी गायब हैं। बाजार को सिर्फ सरकारी खरीद का ही सहारा है। दालों की कीमतो में आगे और गिरावट या तेजी की उम्मीद नहीं है। इंपोर्ट, पिछला स्टॉक और नई आवक से कीमतों पर दबाव देखने को मिल रहा है।
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