Commodity market : FPIs जल्द ही बुलियन और बेस मेटल्स में भी कर पाएंगे ट्रेड, बदल सकती है कमोडिटी बाजार की तस्वीर

Commodity market : SEBI चेयरमैन तुहिन कांत पांडे ने कहा कि कमोडिटी मार्केट को और मजबूत बनाना होगा। मार्केट को गहराई देना और स्थिरता लाना जरूरी होगा। मार्केट में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए जाएंगे। जियो-पॉलिटिकल टेंशन से प्रोडक्शन कॉस्ट बढ़ी है

अपडेटेड Sep 17, 2025 पर 5:56 PM
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एग्री कमोडिटी का दायरा बढ़ाने के लिए कमिटी बनाई गई है। कमिटी किसानों और ट्रेडर्स को बेहतर मौके देने पर काम करेगी। इसके अलावा यह बाजार को ज्यादा आकर्षक बनाने पर भी काम करेगी

Commodity market : SEBI चेयरमैन तुहिन कांत पांडे ने कमोडिटी बाजार को लेकर बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा है कि बाजार को मजबूत बनाने के लिए कई कदम उठाए जाएंगे। सेबी चेयरमैन के मुताबिक नॉन-कैश सेटल्ड नॉन-एग्रीकल्चर कमोडिटी वायदा में FPI को ट्रेडिंग की मंजूरी देने के साथ कई फैसले लिए जाएंगे। नॉन एग्री कमोडिटी ट्रेडिंग में बैंक, पेंशन फंड और विदेशी निवेशकों मंजूरी मिल सकती है। उन्होंने आगे कहा कि संस्थागत निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ाने के लिए रेग्युलेटरी फ्रेमवर्क और मजबूत होगा। नया कंप्लायंस सिस्टम दिसंबर तक लागू होगा। सेबी चेयरमैन के बयान से आज MCX का शेयर 3 फीसदी से ज्यादा उछला है।

तुहिन कांत पांडे ने आगे कहा कि कमोडिटी मार्केट को और मजबूत बनाना होगा। मार्केट को गहराई देना और स्थिरता लाना जरूरी होगा। मार्केट में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए जाएंगे। जियो-पॉलिटिकल टेंशन से प्रोडक्शन कॉस्ट बढ़ी है। ग्लोबल नीतियां कमोडिटी एक्सपोर्ट पर भी असर डाल रही हैं।

उन्होंने आगे बताया कि एग्री कमोडिटी का दायरा बढ़ाने के लिए कमिटी बनाई गई है। कमिटी किसानों और ट्रेडर्स को बेहतर मौके देने पर काम करेगी। इसके अलावा यह बाजार को ज्यादा आकर्षक बनाने पर भी काम करेगी। नए कंप्लायंस रिपोर्टिंग सिस्टम में बोकर्स भी शामिल होंगे।


बदल सकती है कमोडिटी बाजार की तस्वीर

सेबी चेयरमैन के बयान के बाद कैसे बदल सकती है कमोडिटी बाजार की तस्वीर और यह MCX के लिए क्यों है पॉजिटिव,यह समझाते हुए CNBC-TV18 की वामाक्षी धोरिया (Vamakshi Dhoria) ने बताया कि अभी FPIs के पास क्रूड, नैचुरल गैस में कैश सैटेलमेंट की मंजूरी है। एनालिस्ट्स का कहना है कि अभी कुल वॉल्यूम में FPIs की सिर्फ 5 फीसदी हिस्सेदारी है। एनर्जी बास्केट में FPIs की अभी 8 फऱीसदी हिस्सेदारी है। FPIs के लिए नॉन एग्री में नॉन कैश सैटेलमेंट का प्रस्ताव है। इससे FPIs बुलियन, बेस मेटल्स में ट्रेड कर पाएंगे।

MCX के लिए पॉजिटिव क्यों?

सेबी के इस कदम से कमोडिटी मार्केट में लिक्विडिटी बढ़ेगी और कमोडिटी बाजार को मजबूती मिलेगी। इससे बाजार में वॉल्यूम बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।

 

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First Published: Sep 17, 2025 5:56 PM

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