मौसम विभाग ने आशंका जताई है कि इस साल बढ़ता पारा गेहूं के लिए विलेन बन सकता है। मौसम विभाव का कहना है कि मार्च-मई के बीच पारा चढ़ सकता है। इस अधिक गर्मी से पकते हुए गेहूं की फसल को नुकसान हो सकता है, जिससे उसकी उपज कम हो सकती है। तापमान सामान्य से ज्यादा रहने की आशंका है। मार्च में गर्म हवाएं ज्यादा चल सकती हैं। मौसम विभाग के मुताबिक ज्यादा गर्मी का बुरा असर गेहूं की फसल पर संभव है।
बता दें कि 125 सालों में फरवरी 2025 सबसे गर्म महीना रहा। मौसम विभाग के मुताबिक पंजाब, हरियाणा, UP में ज्यादा असर संभव है। इस साल मार्च के महीने में रिकॉर्ड गर्मी पड़ने की संभावना है। मौसम विभाग के मुताबिक मार्च के दूसरे हफ्ते से दिन के तापमान में बढ़ोतरी होने का अनुमान है और महीने के अंत तक कई राज्यों में अधिकतम पारा 40 डिग्री (104°F) के पार जाने की संभावना है।
ज्यादा गर्मी गेहूं की फसल के लिए ठीक नहीं होती। ज्यादा गर्मी से गेहूं के दाने छोटे होने का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है। साथ ही ज्यादा गर्मी से फसल भी जलने की आशंका है। गेहूं के उत्पादन में भी गिरावट आ सकती है। बता दें कि बीते 4 सालों से कीमतों में तेजी बनी हुई है।
साथ ही मौसम विभाग का कहना है कि दिल्ली सहित उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों, जैसे हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में 35 किलोमीटर प्रति घंटे से लेकर 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार तक तेज हवाएं चल सकती हैं। 9 मार्च 2025 से एक नया वेस्टर्न डिस्टर्बेंस पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र को प्रभावित कर सकता है। इसकी वजह से 9 मार्च से लेकर 12 मार्च तक जम्मू कश्मीर, लद्दाख, मुजफ्फराबाद और हिमाचल प्रदेश में बारिश और बर्फबारी की संभावना है। 10 से 12 मार्च के दौरान उत्तराखंड में भी बारिश और बर्फबारी हो सकती है।
RFMFI के नवनीत चितलांगिया ने कहा कि इस साल गेहूं का उत्पादन ज्यादा होने की उम्मीद है। अभी तापमान में गिरावट आई है। कई राज्यो में तेज हवाएं, बारिश देखने को मिली है। थोड़ा बहुत असर सिर्फ उत्तर प्रदेश में देखने को मिल सकता है। उन्होंने कहा कि मंडियो में गेहूं की सप्लाई शुरु हो चुकी है।