Commodity Market: अच्छा रह सकता है देश में खरीफ फसल का उत्पादन, चावल मार सकता है बाजी

Commodity Market: सरकारी अनुमान के मुताबिक चावल का उत्पादन 124.5 मिलियन टन होने की संभावना है, जो पिछले साल से 1.73 मिलियन टन ज्यादा है। बेहतर बारिश, सिंचाई सुविधाओं में सुधार और किसानों के बढ़े हुए कवरेज की वजह से इस बार इसकी पैदावार बढ़ने के पूरे आसार हैं

अपडेटेड Nov 27, 2025 पर 4:06 PM
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चावल का भी रिकॉर्ड उत्पादन है लेकिन दलहन और तिलहन ने एक बार फिर चिंता बढ़ा दी है।

सरकार को इस साल 173 मिलियन टन से भी ज्यादा खाद्यान्न उत्पादन की उम्मीद है। यह पिछले साल के मुकाबले करीब 3.87 मिलियन टन ज्यादा है। चावल का भी रिकॉर्ड उत्पादन है लेकिन दलहन और तिलहन ने एक बार फिर चिंता बढ़ा दी है।

सरकारी अनुमान के मुताबिक चावल का उत्पादन 124.5 मिलियन टन होने की संभावना है, जो पिछले साल से 1.73 मिलियन टन ज्यादा है। बेहतर बारिश, सिंचाई सुविधाओं में सुधार और किसानों के बढ़े हुए कवरेज की वजह से इस बार इसकी पैदावार बढ़ने के पूरे आसार हैं।

वहीं मक्का का उत्पादन सालाना आधार पर 3.4 मिलियन टन बढ़कर 28.3 मिलियन टन पहुंचने की उम्मीद है। पशुचारा, प्रोसेस्ड फूड और एथेनॉल उत्पादन में बढ़ती मांग की वजह से किसान मक्का की खेती की ओर ज्यादा आकर्षित हुए हैं।


इस खरीफ सीजन में मोटे अनाज का उत्पादन 41.4 मिलियन टन और दालों का उत्पादन 7.4 मिलियन टन होने का अनुमान है, जिसमें तूर (अरहर) का योगदान 3.59 मिलियन टन, उड़द का योगदान 1.2 मिलियन टन और मूंग का योगदान 1.72 मिलियन टन है।

अनुमानों के मुताबिक इस खरीफ सीजन में तिलहन का उत्पादन 27.56 मिलियन टन और सोयाबीन का उत्पादन 14.26 मिलियन टन रहने की उम्मीद है। गन्ने का उत्पादन 475.6 मिलियन टन होने का अनुमान है, जो पिछले साल के मुकाबले 21 मिलियन टन अधिक है।

वहीं कॉटन का उत्पादन 29.2 मिलियन बेल (हर बेल का वजन 170 किलोग्राम) होने का अनुमान है, और जूट और मेस्टा का उत्पादन 8.3 मिलियन बेल होने का अनुमान है।

ICFA के चेयरमैन एमेरिटस डॉ. एम. जे. खान का कहना है कि चावल का उत्पादन बढ़ने से एक्सपोर्ट ज्यादा होने की उम्मीद है। बासमती,नॉन बासमती चावल के एक्सपोर्ट भी बढ़े है। चावल का उत्पादन बढ़ना उतनी चिंता की बात नहीं है जितना दलहन, तिलहन उत्पादन को लेकर चिंता कायम है। मक्के का उत्पादन बढ़ा है लेकिन अब भी थोड़ी चिंता है।

उन्होंने कहा कि किसानों को दालो और तिलहन के उत्पादन के लिए जो तकनीकी सपोर्ट सरकार से मिलना चाहिए वो थोड़े कम है। प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी बढ़ानी की जरुरत है। सरकार को R&D को प्रमोट करना चाहिए। सरकार को उत्पादन बढ़ाने को लेकर और कोशिशें करनी होगी।

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