Commodity market:चीन से प्रोत्साहन पैकेज की बढ़ती उम्मीदों के साथ-साथ फेड रेट में बढ़ोतरी की बढ़ती संभावना ने इस सप्ताह कमोडिटी बाजार पर अपना असर दिखाया। अमेरिकी बेरोजगार दावों में अप्रत्याशित उछाल और फेड रेट में बढ़ोतरी की संभावना के चलते डॉलर इंडेक्स 104 के स्तर से नीचे फिसल गया। इसके अलावा, मई में अमेरिकी सर्विस सेक्टर में बहुत ही मामूली बढ़त देखने को मिली है। इस अवधि में अमेरिका में कारोबारी गतिविधियों और नए ऑर्डर की मात्रा में धीमापन देखने को मिला है। इसके साथ ही कंपनियों की इनपुट कॉस्ट भी तीन साल के निचले स्तर तक गिर गई।
दूसरी तरफ यूरो 1.0785 के दो सप्ताह के अपने उच्च स्तर पर पहुंच गया। इसमें इस उम्मीद से बढ़ोतरी हुई है कि यूरोपीय सेंट्रल बैंक अगले सप्ताह अपनी दरों में 25 बीपीएस की बढ़त कर सकता है। इसके बाद जुलाई में 25 बीपीएस की और बढ़त होगी, जिससे दरें 3.75 फीसदी हो जाएंगी।
चीन ने मई में लगातार सातवें महीने सोने की होल्डिंग बढ़ाई
बाजार ये मान कर चल रहा है कि यूएफेड अब धीरे-धीरे रेट बढ़ाने के चक्र के अंत के करीब पहुंच रहा है। इसके चलते डॉलर इंडेक्स और यूएस ट्रेडरी यील्ड में गिरावट देखने को मिली है। इसका फायदा गोल्ड को मिला है। 9 जून को खत्म हुए हफ्ते में सोना 5 फीसदी से ज्यादा की बढ़त लेकर बंद हुआ है। पीबीओसी ( PBoC)के आंकड़ों के मुताबिक चीन ने मई में लगातार सातवें महीने सोने की होल्डिंग लगभग 16 टन बढ़ाई है। जिससे इसका कुल भंडार लगभग 2092 टन हो गया।
गौरतलब है कि दुनियाभर के तमाम केंद्रीय बैंकों की तरफ से सोने की मांग बढ़ रही है। डॉलर में कमजोरी का फायदा सोने-चांदी दोनों को भी मिला है। कॉमेक्स सिल्वर 23.32 डॉलर प्रति ट्रॉय औंस से बढ़कर 24.5 डॉलर प्रति ट्रॉय औंस पर आ गया। जबकि कॉमेक्स सोना 1953.8 डॉलर प्रति ट्रॉय औंस के निचले स्तर से सुधरकर 1980 डॉलर प्रति ट्रॉय औंस पर पहुंच गया।
बीते हफ्ते कच्चे तेल की कीमतें रहीं स्थिर
बीते हफ्ते कच्चे तेल की कीमतें स्थिर बनी रही। सऊदी की तरफ से घोषित 1 मिलियन बैरल प्रति दिन की कटौती से क्रूड की कीमतों को सपोर्ट मिला। दूसरी तरफ मध्यपूर्व की मीडिया में इस तरह की खबर आई कि अमेरिका और ईरान ने परमाणु वार्ता पर कुछ प्रगति की है। इस आपूर्ति बढ़ने की चिंता भी देखने को मिली है।
उधर बेस मेटल्स को महंगाई में आई कमी और चीन के खराब आंकड़ों से कुछ राहत मिली है। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में मई में नरमी देखने को मिली है। जिससे इस बात की उम्मीद जगी है कि पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना को इकोनॉमी को सहारा देने के लिए जल्द ही ब्याज दर में कटौती करने की जरूरत पड़ सकती है।
तांबा फॉलिंग ट्रेंड लाइन से बाहर निकला
बेस मेटल की कीमतों पर नजर डालें तो तांबा फॉलिंग ट्रेंड लाइन से बाहर निकल गया है। इलके कीमत में और तेजी आने का संकेत मिल रहा है। NYMEX पर कच्चे तेल के 74 - 67 डॉलर प्रति बैरल के बीच कारोबार करने की उम्मीद है। अभी तक बाजार ये मान कर चल रहा है कि यूएस फेड जून की बैठक में दरों में कोई बढ़त नहीं करेगा। इसके अलावा अगर अमेरिका आने वाले इकोनॉमिक आंकड़े कमजोर रहते हैं तो आने वाले महीनों में मैद्रिक नीतियों में और कड़ाई आने की संभावना कम होगी। इसके अलावा ईसीबी और बैंक ऑफ इंग्लैंड की तरफ से दरों में बढ़त की संभावना को चलते डॉलर पर दबाव देखने को मिल सकता है।
अहम इकोनॉमिक आंकड़ों पर रहेगी नजर
हालांकि, अमेरिकी खुदरा महंगाई दर और खुदरा बिक्री में कोई बड़ी बढ़त होने पर डॉलर में रिकवरी भी संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। क्योंकि ऐसा होने पर एफओएमसी बैठकों में दरों में बढ़ोतरी की संभावना बढ़ सकती है। अगले हफ्ते बाजार की नजर चीन अहम इकोनॉमिक आंकड़ों पर भी टिकी रहेगी। चीन में मई की कारोबारी गतिविधि में किसी भी गिरावट से आर्थिक सुधार के लिए प्रोत्साहन पैकेज की संभावना बढ़ जाएगी।
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