भारत सरकार ने चांदी की कुछ ज्वैलरी के इंपोर्ट पर रोक लगा दी है। यह रोक अगले साल 31 मार्च तक जारी रहेगी। इस कदम का उद्देश्य थाइलैंड जैसे कई आसियान (ASEAN या एसोसिएशन ऑफ साउथईस्ट एशियन नेशंस) से गैर-जड़ाऊ ज्वैलरी के नाम पर इंपोर्ट हो रही चांदी पर अंकुश लगाना है। भारत का ASEAN के साथ एक मुक्त व्यापार समझौता (फ्री ट्रेड एग्रीमेंट) है।
विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने एक नोटिफिकेशन में कहा कि सिल्वर और कीमती ज्वैलरी की इंपोर्ट पॉलिसी में 31 मार्च, 2026 तक के लिए बदलाव किया गया है। इसके तहत चांदी की कुछ ज्वैलरी को तत्काल प्रभाव से 'फ्री' से 'प्रतिबंधित' की कैटेगरी में डाला गया है। इस कैटेगरी के तहत आने वाले सामान के लिए सरकार से लाइसेंस लेना जरूरी है। प्रतिबंधों से मुख्य रूप से चांदी की ज्वैलरी, कीमती धातुओं से बनी ज्वैलरी, और बिना जेमस्टोन वाली ज्वैलरी प्रभावित होगी।
थाइलैंड चांदी का प्रोड्यूसर नहीं, फिर भी बड़ी मात्रा में इंपोर्ट
ASEAN देशों में ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाइलैंड और वियतनाम शामिल हैं। अधिकारियों का कहना है कि थाइलैंड चांदी का प्रोड्यूसर नहीं है, फिर भी वहां से बड़ी मात्रा में चांदी का भारत में इंपोर्ट हो रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि यह आसियान-भारत वस्तु व्यापार समझौते (AITIGA) के तहत ड्यूटी में छूट का फायदा उठाने की कोशिश है।
देश में चांदी के भाव ने बनाया नया नए रिकॉर्ड
शुक्रवार, 26 सितंबर को राजधानी दिल्ली के सराफा बाजार में चांदी की कीमतें 1900 रुपये बढ़कर 1,41,900 रुपये प्रति किलोग्राम के नए शिखर पर पहुंच गईं। फेस्टिव सीजन में अच्छी मांग और हाजिर बाजार में निवेशकों की मजबूत दिलचस्पी के कारण चांदी ने अपना रिकॉर्ड बनाने का सिलसिला जारी रखा। सोना 330 रुपये की तेजी 1,17,700 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया। हालांकि, वैश्विक स्तर पर दोनों कीमती धातुओं में गिरावट दर्ज की गई। हाजिर सोना 0.12 प्रतिशत की गिरावट के साथ 3,744.75 डॉलर प्रति औंस रह गया, जबकि चांदी 0.35 प्रतिशत गिरकर 45.03 डॉलर प्रति औंस रह गई।