Get App

Commodity Market: पीली मटर इंपोर्ट की बढ़ी मियाद, जानिए रबी सीजन में तिलहन के किसानों ने क्यों बढ़ाई गेंहू की बुआई, क्या आगे बढ़ेंगे गेहूं के दाम

अजय गोयल ने कहा कि गेहूं के दाम बीते कुछ दिनों में बढ़े हैं। दिन बीतने के साथ गेहूं की सप्लाई घट रही है। इंडस्ट्री के लिए अगले 2-3 महीने चुनौती भरे रहेंगे। सप्लाई पर सरकार और इंडस्ट्री के मत अलग अलग हैं। पिछले साल 25-30% दाम बढ़े है अगले महीने में भी 2-4% और दाम बढ़ सकते हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड Dec 26, 2024 पर 1:35 PM
Commodity Market: पीली मटर इंपोर्ट की बढ़ी मियाद, जानिए रबी सीजन में तिलहन के किसानों ने क्यों बढ़ाई गेंहू की बुआई, क्या आगे बढ़ेंगे गेहूं के दाम
गेहूं का उत्पादन बढ़ने से तिलहन के लिए चुनौती बना हुआ है। तिलहन का उत्पादन गिरने की आशंका है।

Commodity Market: सरकार ने पीली मटर के इंपोर्ट की मियाद बढ़ा दी है। सरकार ने पीली मटर की इंपोर्ट की मियाद 28 फरवरी 2025 तक बढ़ाई है। DGFT ने नोटिफिकेशन जारी किया। सरकार का फैसला तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इंपोर्ट के लिए इंपोर्ट मॉनिटरिंग सिस्टम (IMS) पर रजिस्ट्रेशन जरूरी होगा।

सरकार के फैसले से दलहन के दाम गिरेंगे

सुमाया इंडस्ट्रीज के दीपक पारिक का कहना है कि पीली मटर का 15 लाख टन का बफर बन जाएगा। सरकार कई बार पीली मटर के इंपोर्ट की मियाद बढ़ाती आई है। सरकार के पीली मटर की मियाद बढ़ने के फैसले से दलहन के दाम गिरेंगे। उनका कहना है कि पीली मटर के इंपोर्ट बढ़ाने से तुअर और चने के कीमतें MSP के करीब आएंगे, इससे सरकार को दाल बफर बनाने में मदद मिलेगी।

उन्होंने आगे कहा कि सरकार दलहन के दाम हर हाल में कम करना चाहती है। रिटेल मार्केट में अभी दाल की कीमत ज्यादा हैं, क्योंकि बड़े रिटेलर कीमतें कम नहीं कर रहे। देश में रिटेलर्स बहुत बड़ी संख्या में मौजूद हैं। बड़े रिटेलर्स ही दाम कम नहीं कर रहे हैं। पहले से इंपोर्ट की मियाद बढ़ने की उम्मीद थी।

सब समाचार

+ और भी पढ़ें