Commodity Roundup: 2025 में प्रेशियस मेटल खूब चमके है। ज्वेलरी मार्केट में इस साल इन्वेस्टमेंट गोल्ड- सिल्वर बाईंग काफी मजबूत आती हुई देखी । 2025 में सोने-चांदी ने रिकॉर्ड हाई लगाया। प्लैटिनम में भी 18 साल का हाई बनता दिखाई दिया है जबकि पलैडियम 34 महीने का हाई पर पहुंचा।
1979 के बाद 2025 ऐसा साल रहा जहां किसी साल में सबसे ज्यादा तेजी देखने को मिली। सेंट्रल बैंकों की ओर से जोरदार खरीदारी, वॉर और टैरिफ की वजह ने सोने की चमक बढ़ाई। दुनिया में बढ़ते कर्ज और US में रेट कट से कीमतों को सपोर्ट मिला है। इसी तरह चांदी में लगातार 6वें साल सप्लाई में कमी के चलते कीमतों में तेजी आई। मजबूत इंडस्ट्रियल और इन्वेस्टमेंट मांग ने भी कीमतों को सपोर्ट किया।
2025 में प्लेटिनम क्यों चमका?
2025 में प्लेटिनम निवेश का दूसरा विकल्प बनकर उभरा। दक्षिण अफ्रीका से सप्लाई में कमी ने कीमतों को सहारा दिया। 2025 डेफिसिट का लगातार तीसरा साल रहा।
2025 में पैलेडियम 3 साल की ऊंचाई पर पहुंचा। रूस और दक्षिण अफ्रीका से सप्लाई दिक्कतें देखने को मिली। ऑटो इंडस्ट्री की तरफ से मांग बढ़ी। इंडस्ट्रियल के लिए मांग बढ़ी और ग्लोबल इकोनॉमी में उथल-पुथल देखने को मिली।
2026 के लिए अब कैसा रहेगा प्रेशियस मेटल का आउटलुक
2026 के लिए अब कैसा रहेगा आउटलुक इस पर बात करते हुए ने कहा कि 2025 में सोना इन्वेस्टमेंट के लिहाजा से सबसे मजबूत रहा है। शादियों की खरीदारी मजबूत रहने की संभावना है। उन्होने आगे कहा कि जीएसटी दरों में कटौती से देश कंज्मशन बेस्ड इकोनॉमी की तरफ बढ़ रहे है। 2026 में इकोनॉमी अच्छा करने की उम्मीद है।
उन्होंने आगे कहा कि भारत एक कंज्यूमर इकोनॉमी है और रिकॉर्ड कीमतों के बावजूद 2025 में ज्वेलरी सेगमेंट में अच्छी ग्रोथ देखने को मिली है। भारत द्वारा अधिक देशों में विस्तार करने के कारण जेम्स एड ज्वेलरी निर्यात में भी तेजी आ रही है । भारत 14 देशों के साथ FTA पर हस्ताक्षर कर रहा है।
KARTIKEY BULLION के डायरेक्टर, दीपक सोनी ने कहा कि सोने-चांदी की कीमतों में मौजूदा भाव से गिरावट की उम्मीद नजर आ रही है।सिल्वर को लेकर चाइना की नई पॉलिसी में भी जनवरी से नए रिस्ट्रिकशन लगाए गए है। जो आगे चलकर प्राइसेस को इफेक्ट करेगी। और आगे कीमतों में आगे भी उछाल देखने को मिलेगा।
धन के फाउंडर जय प्रकाश गुप्ता ने कहा कि बढ़ती मैक्रो अनिश्चितता के बीच आगे भी सोने-चांदी की कीमतों में तेजी बरकरार रहेगी। सेंट्रल बैंक की खरीदारी से भी कीमतों को सपोर्ट मिल रहा है। अभी कोई ऐसे आसार नजर नहीं आ रहे है जहां यह कहा जाए कि गोल्ड की कीमतें मौजूदा स्तर से रिवर्स होगी। मेरा मानना है कि 2026 में भी सोने-चांदी में निवेश के मौके तलाशने चाहिए। हालांकि ज्यादा तेजी के बाद कीमतों में वौलेटिलिटी भी काफी ज्यादा होगी।
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