मिडिल ईस्ट संकट के चलते कच्चा तेल करीब 4 फीसदी उछला है। ब्रेंट क्रूड 80 डॉलर के पार निकला है। ईरान पर इजरायल के हमले की आशंका से कच्चे तेल की कीमतों में तेजी आई है। बता दें कि 1 दिन में कच्चा तेल करीब 5% चढ़ा है और इसके भाव 2 महीनों की ऊंचाई पर पहुंचे है। ब्रेंट का भाव 81 डॉलर प्रति बैरल के पार निकला है जबकि WTI का भाव 78 डॉलर के पार निकला है।
बता दें कि पिछले कुछ समय से ऑयल फ्यूचर्स के भाव में काफी उतार-चढ़ाव दिख रहा है। पिछले महीने कमजोर मांग की आशंका के चलते इसके भाव 70 डॉलर के नीचे गिर गए थे और फिर एकाएक मिडिल-ईस्ट में गहराते तनाव के चलते पिछले हफ्ते 10 फीसदी से अधिक उछल गया।
दरअसल कच्चे तेल में आई तेजी निवेशकों के बीच डर का सबसे बड़ा कारण है। निवेशकों को यह डर है कि इजराइल और ईरान के बीच लड़ाई में ऑयल फैसिलिटीज पर भी हमले हो सकते हैं।
इस बीच कच्चे तेल की कीमतों पर नजर डालें तो 1 हफ्ते में एमसीएक्स पर कच्चा तेल 9 फीसदी चढ़ा है जबकि ब्रेट क्रूड में 8 फीसदी की तेजी आई है। वहीं WTI क्रूड 10 फीसदी चढ़ा है। इसी तरह 1 महीने में एमसीएक्स पर पर कच्चा तेल 12 फीसदी चढ़ा है। जबकि 1 साल में एमसीएक्स पर इसने 8 फीसदी की तेजी दिखाई है। जबकि 1 साल में ब्रेट क्रूड ने 5 फीसदी और WTI क्रूड ने 8 फीसदी की बढ़त हासिल की है।
कॉपर, आयरन ओर के दाम में लगातार गिरावट
चीन में मंदी की आशंका से मेटल्स में भी दबाव देखने को मिल रही है। वर्ल्ड बैंक का कहना है कि चीन की आर्थिक मंदी और गहराएगी। चीन के NDRC के बयान से निराशा हुई है। स्टिमुलस को लेकर कोई ठोस प्लान नहीं है। जिसके चलते कॉपर, आयरन ओर के दाम में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। हांगकांग का मार्केट करीब 6% फिसला है जबकि शांघाई मार्केट भी दिन की ऊंचाई से फिसला है।
ईरान के तेल ठिकानों पर हमला होता है तो दाम बढ़ेंगे
कच्चे तेल की चाल पर बात करते हुए एनर्जी एक्सपर्ट नरेंद्र तनेजा ने कहा कि मिडिल ईस्ट में तनाव बना हुआ है। ईरान पर इजरायल किसी न किसी तरीके से हमला कर सकता है। बाजार को इजरायल के जवाब का इंतजार है। जियोपॉलिटिकल हालात के चलते क्रूड में तेजी आई है।
नरेंद्र तनेजा ने आगे कहा कि अगर ईरान के तेल के ठिकानों पर इजरायल हमला करता है तो एक रात में ब्रेंट का भाव 20 डॉलर प्रति बैरल ऊपर चला जाएगा। और अगर नुकसान बहुत ज्यादा होता है तो ईरान उसके बदले सऊदी अरब के इंफ्रास्ट्रक्चर पर हमला करता है तो ब्रेंट की कीमतें कितने ऊपर जाएगी यह कहना मुश्किल है। हालांकि इसकी आशंका कम है क्योंकि ईरान जानता है कि अगर वह इजरायल पर ऐसी कोई कार्रवाई करता है तो सबसे बड़ा नुकसान अमेरिका को होगा।